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बाबरी मामले में विवादित ढांचा गिराए जाने के केस में सभी 32 आरोपी बरी वर्ष 1992 से चल रहा था मामला

बाबरी मामले में विवादित ढांचा गिराए जाने के केस में सभी 32 आरोपी बरी

वर्ष 1992 से चल रहा था मामला


जज एसके यादव ने अपने फैसले की शुरुआत में कहा कि यह पूर्व नियोजित घटनाक्रम नहीं था। यानी आरोपियों ने पहले से इसकी साजिश नहीं रची

लखनऊ (लोकमत चक्र.कॉम) - बहुप्रतीक्षित बाबरी विध्वंस मामले में घटनाक्रम के 28 साल बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया दिया गया है। फैसले में एल.के. आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत सभी 32 आरोपी बरी कर दिए गए हैं। जज एसके यादव ने अपने फैसले की शुरुआत में कहा कि यह पूर्व नियोजित घटनाक्रम नहीं था। यानी आरोपियों ने पहले से इसकी साजिश नहीं रची। अशोक सिंघल के बारे में जज ने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। जो तस्वीरें पेश की गईं, उन्हें साक्ष्य नहीं माना जा सकता है।

लखनऊ में हुई इस सुनवाई में छब्बीस आरोपी मौजूद रहे। हालांकि आडवाणी, जोशी, उमा भारती को कोरोना महामारी देखते हुए छूट दी गई है। इस ऐतिहासिक फैसले को सीबीआई के विशेष जज एसके यादव ने सुनाया, जिनके कार्यकाल का यह अंतिम फैसला है। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को फैसला सुनाने तक उन्हें सेवा विस्तार दे रखा था। CBI ने गवाहों के परीक्षण के बाद 2 सितंबर को फैसला लिखाना शुरू किया था। निर्णय करीब दो हजार पेज का है। बतातें चले कि सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने ही करीब साढ़े आठ सौ पेज की लिखित बहस दाखिल की थी।

🚩 सात श्रेणी में थे 32 आरोपित - 

1. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, उमा भारती व साध्वी ऋतंभरा।

2. सतीश प्रधान, राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत नृत्यगोपाल दास व धर्मदास।

3. रामचंद्र खत्री, सुधीर कक्कड़, अमरनाथ गोयल, संतोष दुबे, लल्लू सिंह, कमलेश त्रिपाठी, विजय बहादुर सिंह, आचार्य धर्मेंद्र देव, प्रकाश शर्मा, जयभान सिंह पवैया, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, विनय कुमार राय, रामजी गुप्ता, गांधी यादव व नवीन भाई शुक्ला।

4. पवन कुमार पांडेय, बृज भूषण शरण सिंह व ओम प्रकाश पांडेय।

5. महाराज स्वामी साक्षी उर्फ स्वामी सच्चिदा नंद साक्षी।

6. रवींद्र नाथ श्रीवास्तव।

7. कल्याण सिंह।

हालांकि कई आरोपी आज कोर्ट में पेश नहीं हुए। वहींं, फैसले को लेकर रामनगरी की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 

🚩 अयोध्या में लोगों ने किया फैसले का स्वागत -

ढांचा विध्वंस पर 28 साल बाद आए फैसले का अयोध्या के लोगों ने स्वागत किया। इसके साथ ही कई लोग स्थानीय मंदिरों के बाहर एकत्र हो गए और जयश्रीराम के नारे लगाए।

🚩 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने किया फैसले का स्वागत -

सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा विवादास्पद ढांचे के विध्वंस मामले में आरोपित सभी दोषियों को ससम्मान बरी करने के निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत करता है। इस निर्णय के उपरांत समाज के सभी वर्गों को परस्पर विश्वास और सौहार्द के साथ एकत्र आकर देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए देश को प्रगति की दिशा में ले जाने के कार्य में जुट जाना चाहिए।

🚩 अभी तो यह झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है : आचार्य धर्मेंद्र

आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि अभी तो यह झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। उन्होंने कहा कि निर्णय के लिए आभार और स्वागत।

➡️ सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देने पर निर्णय लेंगे मुस्लिम संगठन : मौलाना रशीद

देश में मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में विशेष सीबीआई अदालत के बुधवार के फैसले पर टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा कि अब मुस्लिम संगठन मिलकर तय करेंगे कि इसके खिलाफ आगे अपील करनी है या नहीं।

➡️ कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है : इकबाल अंसारी 

ढांचा विध्वंस मामले में इकबाल अंसारी का कहना है कि कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है ये अच्छी बात है, हम इसका सम्मान करते हैं। 

➡️ सभी उपस्थित 26 लोगों ने मुचलका दाखिल किया -

2300 पेज का है फैसला। दोषमुक्त होने के बाद सीआरपीसी के नए प्रावधानों के अनुसार 50 हजार की एक जमानत एवं एक निजी मुचलका सभी उपस्थित 26 लोगों की ओर से दाखिल किया गया।

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