Breaking News

बाढ़ और अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का केन्द्रीय अध्ययन दल ने लिया जायजा बाढ़ से नष्ट हुई फसल दिखाते हुए नम हुई किसानों की ऑखें

बाढ़ और अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का केन्द्रीय अध्ययन दल ने लिया जायजा


बाढ़ से नष्ट हुई फसल दिखाते हुए नम हुई किसानों की ऑखें

रायसेन, 11 सितम्बर 2020

जिले में बाढ़ और अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने आए केन्द्रीय दल ने रायसेन, गैरतगंज और गौहरगंज तहसील के अनेक गांवों में जाकर फसलों को हुए नुकसान को देखा। केन्द्रीय दल ने किसानों से भी नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी ली। फसलों के अलावा सड़कों, मकानों को हुए नुकसान की भी जानकारी ली। केन्द्रीय दल में श्री सौरभ चन्द्र दुबे डारेक्टर एनआरएलएम, श्री हरिशंकर मिश्रा अपर आयुक्त (आईएएस) तथा श्री सुमित कुमार सीनियर इंजीनियर आरआरडीए शामिल थे। कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने जिले में बाढ़, अतिवर्षा से फसलों को हुए नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

केन्द्रीय दल ने सर्वप्रथम रायसेन तहसील के ग्राम मेढ़की, पग्नेश्वर, धनियाखेड़ी, धौबाखेड़ी और मेहगांव में बाढ़ से सोयाबीन, धान आदि फसलों को हुए नुकसान को देखा। इस दौरान अनेक किसानों ने बाढ़, कीट व्याधि से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने फसलों के साथ ही मकानों, पशुहानि, सामग्री आदि को हुए नुकसान की भी जानकारी ली। केन्द्रीय दल ने सड़कों को हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया। केन्द्रीय दल ने गैरतगंज तहसील के ग्राम आमखेड़ा तथा ग्राम किशनपुर में खेतों में पहुंचकर फसलों को हुए नुकसान का आकलन किया। केन्द्रीय दल ने किशनपुर में पंचायत भवन में किसानों और ग्रामीणों से चर्चा करते हुए फसलों सहित अन्य नुकसान की जानकारी ली। इसके पश्चात केन्द्रीय दल ने गौहरगंज तहसील के ग्राम पड़ोनिया तथा बबुलिया पवार में भी फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने अध्ययन दल को अवगत कराया कि जिले में कुल 3 लाख 13 हजार 450 हैक्टेयर में फसलें लगीं हैं जिनमें धान एक लाख 52 हजार हैक्टैयर में तथा एक लाख चार हजार हैक्टेयर में सोयाबीन लगी है। इसी प्रकार 21 हजार हैक्टेयर में उड़द, 10180 हैक्टेयर में मक्का तथा 28 हजार हैक्टेयर में अरहर फसल लगी है।

◆ अतिवृष्टि और बाढ़ से 55176.12 हैक्टेयर क्षेत्र की फसलों को नुकसान -

कलेक्टर श्री भार्गव ने केन्द्रीय दल को अतिवृष्टि और बाढ़ से सोयाबीन, धान, उड़द, मक्का, तुअर, तिल तथा मूंग फसल को हुई क्षति की जानकारी देते हुए बताया कि कुल 55176.12 हैक्टेयर क्षेत्र की फसलों को नुकसान हुआ है। इससे 45210 किसान प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 26107 हैक्टेयर में सोयाबीन तथा 16301 हैक्टेयर में धान की फसल प्रभावित हुई है। इसी प्रकार उड़द 2060 हैक्टेयर, मक्का 5695 हैक्टेयर, तुअर 3318 हैक्टेयर, तिल 471 हैक्टेयर तथा 1220 हैक्टेयर में मूंग की फसल प्रभावित हुई है।

◆ कीट व्याधि से 132077 हैक्टेयर क्षेत्र की फसलों को नुकसान-

केन्द्रीय दल को कलेक्टर श्री भार्गव ने अवगत कराया कि कीट व्याधि से 132077 हैक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन, धान, उड़द, मक्का तथा मूंग की फसलें प्रभावित हुई हैं। इसमें 111842 हैक्टेयर में सोयाबीन, 1541 हैक्टेयर में धान, 14444 हैक्टेयर में उड़द, 840 हैक्टेयर में मक्का तथा 3409 हैक्टेयर में मूंग फसल को नुकसान हुआ है। इसमें एक लाख 21 हजार 157 किसान प्रभावित हुए हैं।

◆ बाढ़ एवं अतिवर्षा से 9924 मकान हुए क्षतिग्रस्त- 

जिले में बाढ़ एवं अतिवर्षा से 9924 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसमें पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 26 मकान(कच्चे-पक्के), गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त 838 मकान (कच्चे-पक्के), आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त (पक्के) 1447 मकान, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त (कच्चे) 6505 मकान, सम्पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त 429 झोपड़ी तथा 179 पशुघर क्षतिग्रस्त हुए हैं। 

◆ बाढ़ से नष्ट हुई फसल दिखाते हुए नम हुई किसानों की ऑखें -

केन्द्रीय अध्ययन दल ने ग्राम मेढ़की में बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। केन्द्रीय दल ने जब किसान भगवान सिंह और कैलाश सिंह से बाढ़ के बारे में पूछा तो उनकी ऑखे नम हो गईं। उन्होंने बताया कि बाढ़ का इतना विकराल रूप उन्होंने पहले नहीं देखा। खेत में आठ से दस फिट तक बाढ़ का पानी था। बाढ़ के पानी के कारण उनकी सोयाबीन और धान की फसल पूरी नष्ट हो गई। उन्होंने बताया कि बाढ़ के पानी में खेत में बनी झोपड़ी और उसमें रखा सामान भी बह गया।  

केन्द्रीय अध्ययन दल ने मेहगांव में किसान राधेश्याम के खेत में बाढ़ से फसल को हुए नुकसान को देखा और राधेश्याम से जानकारी ली। राधेश्याम ने बताया कि बाढ़ के पानी के कारण उसकी सोयाबीन की पूरी फसल खराब हो गई है। बाढ़ के पानी को निकलने में बहुत वक्त लगा जिस कारण फसल गल गई। राधेश्याम, भीम सिंह तथा रामराज बघेल सहित अनेक किसानों और ग्रामीणों ने बताया कि गांव में भी बाढ़ का पानी आने के कारण घरों में भी पानी भरा गया, जिस कारण घर में रखे अनाज सहित अन्य सामान भी खराब हो गया। उन्होंने बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान के कारण परिवार के भरण-पोषण और भविष्य की चिंताओं से अवगत कराया। भ्रमण के दौरान एसडीएम श्री एलके खरे, श्री अनिल जैन तथा श्रीमती प्रियंका मिमरोट, उप संचालक कृषि श्री एनपी सुमन, कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं