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भूतों का मेला इस वर्ष हंडिया में नहीं लगा प्रशासन की सख्ती के चलते नर्मदा नदी के घाटों पर तैनात रहा शासकीय अमला तहसीलदार और थाना प्रभारी करते रहे दिनभर निरीक्षण

भूतों का मेला इस वर्ष हंडिया में नहीं लगा प्रशासन की सख्ती के चलते

नर्मदा नदी के घाटों पर तैनात रहा शासकीय अमला

तहसीलदार और थाना प्रभारी करते रहे दिनभर निरीक्षण

हरदा - सैकड़ों वर्षो में पहली बार ऐसा हुआ है कि भूतड़ी अमावस्या पर भूतों का मेला नर्मदा नदी के तट पर नहीं लगा। यह सब हुआ विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते प्रशासन के सख्त रूख के कारण, इससे श्रद्धालुओं को निराशा हुई। अल सुबह से ही हंडिया स्थित नर्मदा नदी के घाटों पर तहसीलदार डॉ अर्चना शर्मा और उनके अधीनस्थ पटवारी मुस्तैदी से तैनात रहकर घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को रोकते रहे और इसमें पुलिस जवानों ने भी उनका सहयोग किया। 

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के चलते जिला प्रशासन द्वारा भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी के घाटों पर स्नान, पूजन पाठ और भूतों का मेला लगाने पर रोक लगाई थी। कलेक्टर श्री संजय गुप्ता के निर्देश पर तहसीलदार हंडिया डॉ अर्चना शर्मा ने इसके लिए पटवारियों को पाबंद कर नर्मदा नदी के घाट पर तैनात किया था।

गौरतलब है कि धार्मिक आस्था के केंद्र नर्मदा नदी पर प्रतिवर्ष भूतड़ी अमावस्या के अवसर पर भूतों का बड़ा मेला लगता है। भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी किनारे स्थित घाटों पर हजारों दर्शनार्थी स्नान, दान-पुण्य करने आते है। भूतड़ी अमावस्या पर यहां आस्थावानों का हुजूम उमड़ता है। बाहरी बाधा से ग्रस्त लोगों को यहां लाकर स्नान कराए जाने की परंपरा है, जो सिर्फ इसी दिन होती है। कहा जाता है कि इस दिन जिनके शरीर में बाधा है, वह आकर यहां स्नान करें तो शांति मिलती है। यही वजह है कि जब-जब भूतड़ी अमावस्या का योग होता है, तब-तब हजारों लोग यहां आकर स्नान करते हैं। 

किंतु इस वर्ष कोरोना कोविड-19 महामारी का खतरा चल रहा है जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर नर्मदा नदी के घाटों पर स्नान पूजन ध्यान प्रतिबंधित कर दिया था। वैसे देखा जाए तो विगत 6 माह से नर्मदा नदी के तटों पर स्नान प्रतिबंधित चल रहा है जिसके चलते श्रद्धालुओं में निराशा है।

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