Breaking News

कीटनाशक पीने वाले किसानों के मामले में बकाया नही है भुगतान - कलेक्टर देर रात आया कलेक्टर का बयान सहकारी समिति चौकड़ी में चना खरीदी में हुई गड़बड़ी का मामला

कीटनाशक पीने वाले किसानों के मामले में बकाया नही है भुगतान - कलेक्टर


देर रात आया कलेक्टर का बयान

सहकारी समिति चौकड़ी में चना खरीदी में हुई गड़बड़ी का मामला

हरदा जिले की खिरकिया तहसील अंतर्गत सहकारी समिति चौकड़ी के कार्यालय के सामने आज गुरुवार सुबह कीटनाशक पीने वाले किसान का किसी भी प्रकार का भुगतान बकाया नहीं है। यह बात कलेक्टर संजय गुप्ता की ओर से रात 8.40 पर बयान जारी कर स्पष्ट किया गया कि उक्त किसान द्वारा चौकड़ी समिति से भुगतान की मांग की जा रही है।

उन्होंने कहा कि वास्तव में संस्था प्रबंधक द्वारा 22 जून को जिला खाद्य अधिकारी को उक्त किसान के चार बिल (141 क्विंंटल के) गलत जारी होने पर उपार्जन पोर्टल से डिलिट करने का उल्लेेख किया गया। इस आधार पर किसान का कोई भुगतान किया जाना शेष नहीं है। 


ज्ञात हो कि किसान सूरज विश्नोई निवासी नीमगांव ने आज गुरुवार सुबह कीटनाशक चौकड़ी समिति में पुलिस की उपस्थिति के दौरान गटक लिया था। कीटनाशक पीने के दौरान बीचबचाव में किसान संदीप पिता कैलाश चंद्र विश्नोई निवासी धनगांव व परमानंद पिता हुकुमचंद विश्नोई निवासी सारंगपुर पर भी इसका असर हुआ था। तीनों किसानों को हरदा के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद शाम को तीनों को भोपाल रैफर किया गया है। उक्त तीनों किसान दूसरे किसान के साथ सुबह समिति के चौकड़ी स्थित कार्यालय के सामने एकत्रित हुए थे। पुलिस प्रशासन ने जब फंदा लगाने के लिए गाड़े खंभे उखाड़ दिए तो किसान सूरज ने कीटनाशक गटक लिया था। 

इस दौरान छीपावड़ टीआई ज्ञानू जायसवाल सहित पुलिस बल ने उसे रोकने के लिए दौड़ लगाई तो वह भागा। उसके पीछे अन्य किसान भी भागे थे। साथ में प्रदर्शन कर रहे किसान सूरज को कार से जिला मुख्यालय स्थित निजी अस्पताल ले गए थे। जहर पीने वाले किसान का कहना था कि उसे सेवा सहकारी समिति चौकड़ी से 141 क्विंंटल चना का करीब 6 लाख 75 हजार रुपए का भुगतान लेना है।

➡️ कांग्रेसियों ने चक्काजाम कर एफआइआर दर्ज करने की मांग की-

चौकड़ी से किसान सूरज को हरदा स्थित नर्सिंग होम में भर्ती करने के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेसी पहुंचे। इसके बाद पेट्रोल पंप चौराहे पर चक्काजाम का निर्णय हुआ। दोपहर 2 बजे कांग्रेसी चौराहे पर जाकर बैठ गए। इस दौरान इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की कतार लग गई। कुछ देर बाद टीआई सुनील यादव व एसडीओपी हिमानी मिश्रा मौके पर पहुंची और पूर्व विधायक डॉ. आरके दोगने व जिला कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पंवार से आंदोलन खत्म करने को कहा। 

कांग्रेसियों के नहीं मानने पर एसडीएम ज्ञानेंद्र जायसवाल मौके पर पहुंचे। इस दौरान कांग्रेसियों के साथ मौजूद किसानों ने सहायक आयुक्त सहकारिता (एआरसीएस) अखिलेश चौहान के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाला। उनका कहना रहा कि चौहान की निगरानी में ही खरीदी हुई तो यह गड़बड़ी कैसे हो गई। किसान कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मोहन विश्नोई ने कहा कि सहकारी बैंक के जिस अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत हुई उसी से इस मामले की जांच कराई गई। 

इस दौरान पूर्व विधायक डॉ. दोगने ने कहा कि कृषि मंत्री पटेल ने विधायक रहते हुए समिति को खरीदी का जिम्मा देने के लिए पत्र लिखा था। इस गड़बड़ी में उनका पूरा हाथ है। पूर्व नपाध्यक्ष हेमंत टाले ने कहा कि गड़बड़ी के नाम पर किसानों का भुगतान नहीं रोका जा सकता। इस मामले में कृषि मंत्री पटेल व एआरसीएस चौहान के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए। एसडीएम और कांग्रेसियों के बीच चर्चा जारी रहने के दौरान ही एएसपी गजेंद्र सिंह वर्धमान भी मौके पर पहुंचे। 

उनके कहने पर कांग्रेसी पटेल व चौहान के खिलाफ शिकायत करने शहर कोतवाली जाने को राजी हुए। चक्काजाम खत्म कर वे नारे लगाते हुए थाना गए और अपर कलेक्टर जेपी सैय्याम सहित अन्य अधिकारियों को एफआइआर दर्ज करने ज्ञापन दिया। इस दौरान अभिजीत शाह, कैलाश पटेल, उमाशंकर विश्नोई, महेश पटेल, आदित्य गार्गव, भागीरथ पटेल, राजेश पटेल गोयत, अनिल सूरमा सहित अन्य कांग्रेसी मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं