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छः माह का एक साथ ब्याज ओर ईएमआई जमा करने का बैंक बना रहे दबाव कोरोना काल में व्यवसाय चौपट होने से पहले से ही मुश्किल में हैं कर्जदार

छः माह का एक साथ ब्याज ओर ईएमआई जमा करने का बैंक बना रहे दबाव


कोरोना काल में व्यवसाय चौपट होने से पहले से ही मुश्किल में हैं कर्जदार

मसनगांव- लोन मोरेटोरियम की अवधि समाप्त होने के बाद बैंक ने  ब्याज तथा ईएमआई की किश्ते वसुलाना शुरू कर दी है। छह माह तक कोरोना काल के दौरान जिन बैंको ने लोन की किश्त जमा करने की छुट दी थी उन्होने  एक साथ ब्याज तथा ई एम आई की वसुली एक साथ करने से कर्ज लेने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है। बैंकों द्वारा जहां एक साथ 6 महीने का ब्याज और लोन की किश्त  जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है वही जिनकी सी सी लिमिट बनी हुई थी उनके खातो से एक मुश्त ब्याज काटने से आथिॅक स्थिती गड़बड़ा गई। जबकी कर्जदारों का इस दौरान धंधा पानी बंद रहने से नुकसान उठाना पड़ा था। इसके वावजुद बैंको के द्वारा एक साथ छह माह का ब्याज वसुलने से कर्जदारों को परेशानी हो रही है। 

उल्लेखनीय है कि ग्राम के छोटे व्यापारियो ने बैंकों से लोन ले रखा है। वहीं कई व्यापारियों ने सीसी लिमिट बना रखी है जिनकी विगत अप्रैल माह से लेकर अगस्त तक कोई ब्याज की राशि नही काटी गई। बुधवार के दिन जब  राशि वसुल की गई तो  व्यापारियो का स्टीमेट गड़बड़ा गया। ग्राम के व्यापारी सलीम शाह ने बताया कि कोरोना काल के दौरान बैंकों से जो राशि उठाई गई थी उसकी ब्याज की राशि एक मुस्त काटने से अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। जबकी नियमानुसार पुरे ब्याज को किश्तो मे वसुल करना था।

जिससे व्यापारी भी अपनी व्यवस्था बनाकर धीरे धीरे लोन तथा ब्याज जमा कर सकता था। वही ग्राम के एक अन्य व्यापारी मुकेश पटवारे ने बताया कि बैंक द्वारा जिस प्रकार एक साथ राशि काटी गई है उससे व्यापार पर भी असर होगा। कोरोना काल के दौरान अधिकांश समय दुकान बंद रहने से बिक्री पर भी असर पड़ा है। जिसके चलते सरकार को पांच माह का ब्याज माफ करना था।

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