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कोरोना के चलते भूतड़ी अमावस्या पर भूतों का नहीं लगेगा मेला नर्मदा घाट हंडिया में स्नान पूजन पाठ रहेंगे प्रतिबंधित पटवारी करेंगे घाटों की चौकसी/निगरानी

कोरोना के चलते भूतड़ी अमावस्या पर भूतों का नहीं लगेगा मेला नर्मदा घाट हंडिया में


स्नान पूजन पाठ रहेंगे प्रतिबंधित पटवारी करेंगे घाटों की चौकसी/निगरानी

हरदा कोरोना कोविड-19 संक्रमण के चलते इस वर्ष भूतड़ी अमावस्या पर कल 17 सितंबर 2020 को भूतों का मेला नर्मदा नदी के हंडिया के घाटो पर नहीं लगेगा। जिला प्रशासन द्वारा भूतों का मेला लगने पर रोक लगा दी गई है। कलेक्टर संजय गुप्ता के निर्देश पर तहसीलदार हंडिया ने घाटों पर चौकसी करने के लिए पटवारियों को तैनात किए जाने का आदेश जारी किया है। 

गौरतलब है कि धार्मिक आस्था का केंद्र नर्मदा नदी पर प्रतिवर्ष भूतड़ी अमावस्या के अवसर पर भूतों का बड़ा मेला लगता है। भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी किनारे स्थित घाटों पर हजारों दर्शनार्थी स्नान, दान-पुण्य करने आते है। भूतड़ी अमावस्या पर यहां आस्थावानों का हुजूम उमड़ता है। बाहरी बाधा से ग्रस्त लोगों को यहां लाकर स्नान कराए जाने की परंपरा है, जो सिर्फ इसी दिन होती है। कहा जाता है कि इस दिन जिनके शरीर में बाधा है, वह आकर यहां स्नान करें तो शांति मिलती है। यही वजह है कि जब-जब भूतड़ी अमावस्या का योग होता है, तब-तब हजारों लोग यहां आकर स्नान करते हैं। 

किंतु इस वर्ष कोरोना कोविड-19 महामारी का खतरा चल रहा है जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर नर्मदा नदी के घाटों पर स्नान पूजन ध्यान प्रतिबंधित कर दिया है। तहसीलदार हंडिया डॉ अर्चना शर्मा ने इसके लिए विधिवत ड्यूटी आदेश जारी कर प्रातः 6:00 बजे से संध्या काल तक हंडिया स्थित नर्मदा नदी के समस्त घाटों पर पटवारियों को उनके कोटवारों के साथ तैनात किया है जो कि पुलिस बल की उपस्थिति में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को घाट पर जाने से रोकेंगे और उन्हें नर्मदा नदी में स्नान नहीं करने देंगे।

◆ ढोल की थाप पर ऐसे झूमते हैं देवी-देवता

कहा जाता है कि कई लोगों को प्रेत बाधा के अलावा शरीर में देवी-देवता भी आते हैं। वे लोग भी नर्मदा नदी के घाट पर आकर स्नान करते हैं। उनके परिवार के लोग ही उन्हें यहां स्नान कराने लाते हैं। जब वे जल में उतरते हैं, तो ढोल की थाप पर उनके शरीर में कंपन होने लगती है, और वे झूमने लगते हैं।

◆ हाथ में नींबू लगी तलवार से देते हैं आशीर्वाद -

शरीर में आने वाले देवी-देवताओं से आशीर्वाद लेना लोग अच्छा मानते हैं। यही वजह है कि भूतड़ी अमावस्या पर जब उन्हें यहां स्नान कराने के लिए लाया जाता है, तो उनके हाथ में खुली तलवार दे दी जाती है, जिस पर नींबू लगा होता है। ऐसे कंपकंपाते शरीर और ढोल की थाप पर ये लोगों को आशीर्वाद देते हैं।

किंतु इस वर्ष यह सब नर्मदा नदी के घाटों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर उक्त कदम उठाया है। वैसे देखा जाए तो विगत 6 माह से नर्मदा नदी के तटों पर स्नान प्रतिबंधित चल रहा है जिसके चलते श्रद्धालुओं में निराशा है।

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