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खेत, घर से अनाज बेचने का विकल्प किसानों के पास रहेगा - शिवराज मध्यप्रदेश में बन्द नहीं होगी कोई मंडी

खेत, घर से अनाज बेचने का विकल्प किसानों के पास रहेगा - शिवराज

मध्यप्रदेश में बन्द नहीं होगी कोई मंडी 


भोपाल - केेंद्र सरकार के कृषि संशोधन बिल के विरोध के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उज्जैन में ऐलान किया कि मध्ययप्रदेश में कोई भी कृषि उपज मंडी बंद नहीं होगी। मंंडी चालू रखते हुए एक दूसरा विकल्प किसानों को दिया गया है कि अगर कोई अपने खेत पर, घर पर या कहीं और बेचना चाहता है तो उसे यह सुविधा रहेगी। यह किसान का अधिकार है। मंडी का विकल्प खुला है। केंद्र सरकार द्वारा किया गया संशोधन सिर्फ इतना ही है। इस पर भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि कोई भी किसान चाहे वह छोटा हो या बड़ा, उसका किसान क्रेडिट कार्ड हर हाल में बनेगा। न्यूनतमन समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद करने का सवाल ही नहीं है। न पीएम ने सोचा और न भाजपा ने ऐसा सोचा है। जल्द ही मैं प्रदेश के किसानों के लिए ऐसी योजना लेकर आऊँगा कि 80 लाख किसानों में कोई अछूता नहीं रहे। इसके लिए विचार विमर्श चल रहा है। 

उज्जैन में किसानों के खातों में फसल बीमा की 4688 करोड़ रुपए की राशि सिंगल क्लिक के जरिये भेजने के बाद सीएम चौहान ने कहा कि पिछले बार यह व्यवस्था की है कि फसल नुकसान पर 75 प्रतिशत भरपाई नहीं होगी। प्रीमियम जमा कर दिया है तो पूरा सौ फीसदी नुकसान की भरपाई होगी। अगली बार इससे भी ज्यादा राशि दिलवाएंगे। उन्होंने कहा कि मालवा की धरती पर नर्मदा, काली सिंध, पार्वती नदी का पानी लाकर रहेंगे। इस मौके पर मंत्री कमल पटेल, मोहन यादव, पूर्व मंत्री पारस जैन समेत अन्य नेता मौजूद थे। सीएम चौहान ने कहा कि किसान उत्पादन के गठन को आंदोलन का रूप देकर उनसे कच्चे माल की प्रोसेंसिंग कराएंगे। इससे उन्हें फायदा होगा। उन्होंने सरकार की प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि जीआई टैग दिलाने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। 

◆ ऐसी थी कर्जमाफी, सीएम बनते ही बैंक वाले पैसा मांगने आ गए

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार पर किसानों से धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने दो लाख का कर्ज माफ करने का वचन देकर अल्पकालीन फसल ऋण माफ करने की बात कही और फिर कट आफ डेट के जरिये भी किसानों के साथ छल किया गया। जब मैं सीएम बना तो बैंक वाले पैसा मांगने आ गए। मैंने कारण पूछा तो बोले कि प्रमाण पत्र जारी किए हैं लेकिन पैसा नहीं दिया। अब हमें देना पड़ रहा है। कोरोना काल में संकट बड़ा था लेकिन संकल्प उससे भी बड़ा था, इसलिए किसानों के लिए हमने व्यवस्था बनाई। कांग्रेस सरकार के समय के जीरो प्रतिशत ब्याज के 800 करोड़ रुपए भी हम दे रहे हैं। पिछले बार के भावान्तर योजना के 470 करोड़ रुपए भी हम देने की व्यवस्था में जुटे हैं। 

◆ सत्ता जाने के बाद भी चैन से नहीं बैठे

सीएम चौहान ने कहा कि सत्ता के सिंहासन पर बैठने के लिए राजनीति नहीं करना है। इसलिए नहीं रहने के बाद भी चैन से नहीं बैठे। बाबा महाकाल को कोई और बात मंजूर थी। हमने तो तब भी कोशिश नहीं की जब चार पांच सीटों का अंतर था। बाद में ऐसा चक्र चला कि सवा साल में मुख्यमंत्री बन गए। इसके पहले मुख्यमंत्री चौहान सिंगल क्लिक से प्रदेश के किसानों के खाते में 4688 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान अलग-अलग क्लिक के जरिये किया। उज्जैन के किसानों को 868 करोड़ रुपए मिले। सीएम चौहान ने वहां से किसानों से सीधा संवाद भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया।

◆ किसानों से किया सीधा संवाद 

सागर के किसान विक्रम सिंह से चर्चा की। इन्होंने बताया कि 8 हेक्टेयर में पिछले साल सोयाबीन की फसल बोई थी। फसल बीमा में 1.44 लाख की क्षतिपूर्ति मिली है। सीएम ने उनसे सुझाव भी मांगे। किसान मेवाराम ने कहा कि सात लाख का लोन लिया था। इस फसल बीमा योजना में 1.72 लाख रुपए मिले हैं। इससे कुछ भरपाई होगी। धार के किसान तरुण से भी सीएम ने संवाद किया। इन्हें 90.14 हजार रुपए मिले हैं। पिछले साल एक धेला नहीं मिला था। खेत सड़क योजना बंद हो गई थी जिसे चालू करने का सुझाव किसान ने दिया तो सीएम इसे फिर चालू करने के लिए आश्वस्त किया।

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