भोपाल. फसल बीमा (Crop Insurance) की राशि में किसानों को 100 और 200 रुपये मिलने जैसी शिकायतों को एमपी सरकार ने गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने शनिवार को इस सिलसिले में एक महत्वपूर्ण बैठक ली. मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के हर किसान को फसल बीमा कंपनियों (Insurance companies) से पूरा न्याय दिलाया जाएगा. प्रदेश के ऐसे किसान, जिन्हें फसल बीमा दावा राशि नहीं मिली है अथवा कम मिली है, उन सबका पक्ष बीमा कंपनियों के सामने सरकार मजबूती से रखेगी. तथा आवश्यकता पड़ने पर इस संबंध में भारत सरकार से बातचीत भी की जाएगी. हर किसान की बीमित फसल की पूरी दावा राशि उन्हें दिलाई जाएगी. इसके साथ ही प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को जल्द ही राहत राशि भी दिलवाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा के इस बार अच्छी बारिश हुई है. लिहाजा किसान जल्दी बुवाई कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें समय पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी.

कलेक्टर्स से लें सूची -
दरअसल कई जिलों से शिकायतें आई हैं कि कुछ किसानों को या तो फसल बीमा की दावा राशि मिली ही नहीं है. या उनको हुए नुकसान के अनुपात में वह काफी कम है. इस संबंध में प्रत्येक जिले में दोबारा परीक्षण कर कलेक्टर के जरिये सूची प्राप्त करें तथा प्राप्त सूची अनुसार संबंधित बीमा कंपनी के सामने दोबारा बीमा दावा प्रस्तुत करें.

बीमा दावा राशि का भुगतान -
खरीफ 2018 में प्रदेश में कुल 08 लाख 94 हजार 919 किसानों को दावा राशि रूपए 1987 करोड़ 27 लाख का भुगतान किया गया. रबी 2018-19 में बीमा कंपनियों द्वारा दावा राशि रूपए 710 करोड़ का भुगतान किया गया. खरीफ 2019 में कुल 22 लाख 49 हजार 760 किसानों को दावा राशि रूपए 4 हजार 688 करोड़ का भुगतान किया जाना था, जिसमें से 01 अक्टूबर तक 14 लाख 40 हजार किसानों को 2628 करोड़ रूपए बीमा दावा राशि का भुगतान किया गया है. वहीं, खरीफ 2020 में प्रदेश के कुल 45 लाख 16 हजार किसानों का 01 अक्टूबर तक बीमा कराया गया, जिसमें 38 लाख 67 हजार ऋणी तथा 06 लाख 49 हजार अऋणी किसान हैं. खरीफ 2019 में 37 लाख किसानों का बीमा किया गया था.

यूरिया आवंटन 22 लाख मीट्रिक टन -
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने नई दिल्ली में केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा से मुलाकात कर अनुरोध किया था कि मध्यप्रदेश के लिए यूरिया का आवंटन 18 लाख मीट्रिक टन (01 लाख मीट्रिक टन रिजर्व) को बढ़ाकर 22 लाख मीट्रिक टन किया जाए. रबी 2020-21 में प्रदेश में पर्याप्त बारिश होने से गेहूं के क्षेत्रफल में पिछले वर्ष की तुलना में 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र वृद्धि की संभावना है.

कितना यूरिया उपलब्ध
एमपी को इस साल अक्टूबर महीने के लिए भारत सरकार से 05 लाख 02 हजार मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन प्राप्त हुआ था, जिसमें से दो दिन में 37 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हो चुका है तथा यूरिया की निरंतर आपूर्ति जारी है. पिछले वर्ष अक्टूबर महीने के लिए भारत सरकार से 02 लाख 89 हजार मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ था. प्रदेश में डी.ए.पी. खाद की भी पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है. डी.ए.पी. खाद का 03 लाख 57 हजार मीट्रिक टन का भंडारण है. इस माह के लिए भारत सरकार द्वारा डी.ए.पी. का 2 लाख 25 हजार मीट्रिक टन आवंटन स्वीकृत हुआ है जिसमें से 17 हजार मीट्रिक टन डी.ए.पी. प्राप्त हो चुका है.