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स्कूल संचालक अपनी मांगो को लेकर 22 अक्टूबर को करेंगे भूख हड़ताल

स्कूल संचालक अपनी मांगो को लेकर 22 अक्टूबर को करेंगे भूख हड़ताल

शराब ठेकेदार, बस ऑपरेटर पहले कर चुके है भूख हड़ताल

भोपाल - सीबीएसई के बाद एमपी बोर्ड के भी निजी स्कूल सरकार के विरोध में हैं। 22 अक्टूबर से प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन मध्य प्रदेश में भूख हड़ताल करेगा। धरने-प्रदर्शन होंगे। ऐसे में प्रदेश भर में संचालित हो रहे करीब 45 हजार प्राइवेट स्कूल पर असर पड़ना तय माना जा रहा है। कोरोना काल में प्रदेश के बस ऑपरेटरों और शराब दुकान संचालकों की मांग पूरी कर चुकी शिवराज सरकार से अब स्कूल संचालक कई तरह की छूट मांग रहे हैं। 

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के सामने बहुत सी समस्याएं हैं लेकिन सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है। अब हमारे पास भूख हड़ताल, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा। अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो मध्यप्रदेश में जिला, तहसील और ब्लाॅक स्तर पर 1 दिन की भूख हड़ताल की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शन शुरू होंगे। प्रदेश में एमपी बोर्ड के करीब 45 हजार और भोपाल में करीब 1800 निजी स्कूल हैं।

एसोसिएशन की प्रमुख मांगें

प्राइवेट स्कूलों में अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा आरटीआई के अंतर्गत छात्र-छात्राओं की वर्ष 2011-12 से वर्ष 2019 वर्ष की रोकी गई राशि का तत्काल भुगतान किया जाए। प्राइवेट स्कूलों की कक्षा पहली से 12वीं तक की मान्यता संबंधी निरीक्षण परीक्षण को 5 वर्षों के लिए मान्यता का नवीनीकरण किया जाए। शासन ने सभी गतिविधियों को शुरू कर दिया है लेकिन स्कूलों को बंद रखा गया है। गाइडलाइन का पालन कराते हुए स्कूलों को तुरंत संचालित करने के आदेश दिए जाएं। निजी स्कूल संचालकों से लिया जाने वाला प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली बिल, पानी बिल एवं जिन संचालकों द्वारा विभिन्न प्रकार के लोन लिए गए हैं, उनकी किस्त वर्तमान सत्र के लिए रोकी जाए तथा ब्याज माफ किया जाए। 7 महीने से स्कूल बंद हैं। ऐसे में निजी स्कूल संचालक कर्मचारियों और शिक्षकों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। इसके चलते उन्हें मानसिक और आर्थिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। शासन तत्काल उनकी आर्थिक मदद करे।

पहले इन्होंने जताया था विरोध

इससे पहले राज्य सरकार द्वारा 15 अक्टूबर से स्कूल नहीं खोलने के निर्णय का निजी स्कूल संचालक विरोध जता चुके हैं। इसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार द्वारा 15 अक्टूबर से सभी स्कूलों में नियमित शिक्षण कार्य शुरू करने की अनुमति दे दी है। प्रदेश सरकार ने अभी स्कूल नहीं खोलने का जो निर्णय लिया है, उससे निजी विद्यालयों को अत्यधिक निराशा हुई है।

एसोसिएशन ऑफ अनऐडेड प्राइवेट स्कूल्स मध्य प्रदेश के सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि हमें पूरी आशा थी कि पड़ोसी राज्यों द्वारा लिए गए निर्णयों की तरह प्रदेश सरकार कम से कम कक्षा 9वीं से 12वी तक की नियमित कक्षाएं 50% उपस्थिति के साथ चालू करने का आदेश जारी करेंगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।


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