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सीएम किसान सम्मान निधि योजना में फोटो लाइव खीचने के चलते महिला कृषकों के परिजनों को आपत्ति पटवारी को व्हाट्सएप पर संदेश भेजकर धमकाया बिना प्रशिक्षण कार्य करवा दिया प्रारंभ, फिर परेशान होंगे किसान ओर पटवारी

सीएम किसान सम्मान निधि योजना में फोटो लाइव खीचने के चलते महिला कृषकों के परिजनों को आपत्ति

पटवारी को व्हाट्सएप पर संदेश भेजकर धमकाया


बिना प्रशिक्षण कार्य करवा दिया प्रारंभ, फिर परेशान होंगे किसान ओर पटवारी

भोपाल - तुगलकी सरकारी फरमानों के चलते राजस्व विभाग के पटवारियों को अधिकतर परेशान होना पड़ता है ओर कभी कभी स्थिति गंभीर भी हो जाती है। ताजा मामले में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि मैं पटवारी द्वारा लाभान्वित पात्र किसानों की फोटो मोबाइल से खींचे जाने पर एक महिला के परिजन नाराज हो गए और उन्होंने पटवारी को बाकायदा इसके लिए व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर धमकाया की पटवारी महोदय आप विवाद की स्थिति पैदा कर रहे हैं, आवेदन में फोटो होने के बाद भी आप लेडीस की साड़ी उघार के फोटो खींच रहे हैं।

यह तो सरकारी फरमान को बजाने पर पटवारी को मिली धमकी मात्र एक बानगी है, ऐसे ही तुगलकी फरमानों को पूरा करते करते मध्यप्रदेश के पटवारियों की स्थिति काफी बिगड़ चुकी है। आए दिन किसानों से वाद विवाद की स्थिति शासकीय सॉफ्टवेयरों में विसंगति, सरवर डाउन रहने के चलते अपडेशन नहीं हो पाने जैसे कारणों से होती रहती है । वर्तमान में भी मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में ग्राम के समस्त किसानों का डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिसके चलते किसान अल सुबह से पटवारियों को फोन लगाकर परेशान करते रहते हैं और उनका आवेदन सूची में नाम नहीं होने की वजह से नहीं लेने पर विवाद करते हैं। 

मध्य प्रदेश के उप चुनाव की आचार संहिता लगने के पूर्व आनन फानन रुप से चालू की गई मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना जिसके तहत ₹4000 किसान को दो किस्तों में भुगतान किया जाना है के संबंध में भी पटवारियों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया। पटवारियों द्वारा अपने स्तर पर सॉफ्टवेयर अपडेट कर शासन की योजना को सफल बनाने के लिए लाखों की तादात में एंट्रियां मात्र 2 दिन में कर दी इसके पश्चात आयुक्त भू अभिलेख ने पत्र जारी कर बताया कि किसानों के फोटो लाइव खींचे जाने हैं फोटो पर से फोटो अपलोड नहीं करना है। 


गौरतलब है कि पूर्व में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा कोई प्रशिक्षण नहीं दिए जाने और आधे अधूरे सॉफ्टवेयर के चलते प्रदेश के काफी किसानों को आज तक उक्त योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।

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