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कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया, अब जनता देगी धक्का - कमल पटेल

कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया, अब जनता देगी धक्का - कमल पटेल

दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का कृषि मंत्री कमल पटेल ने पत्र के माध्यम से दिया करारा जवाब 

लोकमत चक्र.कॉम (22 oct. 2020)

हरदा - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र का कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर करारा जवाब दिया है। उन्होंने सवाल किया है कि जब कमलनाथ ने कोई वायदा पूरा नहीं किया और किसान परेशान हो रहे थे तब उन्होंने पत्र क्यों नहीं लिखा। कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया है, अब उन्हें जनता धक्का देगी। 

दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर रबी फसल में यूरिया के संकट का हवाला देते हुए ध्यान देने का आग्रह किया है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पत्र का करारा जवाब देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने प्रदेश का बंटाधार कर दिया था आज भी प्रदेश की जनता के लिए वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनका नाम सुनते से आंखों के सामने गड्ढों वाली सड़कें,बिना सिंचाई की खेती,बिना बिजली की अंधेरी रातों की यादें ताजा हो जाती हैं। कमल पटेल ने कहा कि जिन्होंने म.प्र.का बंटाधार कर दिया था,ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खाद के संबंध में पत्र  लिखना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को पत्र लिखने का नैतिक अधिकार नहीं है, वो पहले इस बात का जवाब दें कि अपने कहे अनुसार प्रदेश के सभी किसानों का 2 लाख कर्ज माफी का वादा पूरा क्यों नहीं किया ? किसान भाइयों को वर्ष 2018, वर्ष 2019 की फसल बीमा राशि क्यों नहीं दी थी? आपने गरीबों की संबल योजना क्यों बंद कर दी थी ? आपने बच्चों को साइकिल, लैपटॉप, छात्रवृत्ति देना क्यों बंद कर दिया था ? आपने बेरोजगार युवाओं को 4000 रू बेरोजगारी भत्ता देने का वादा क्यों पूरा नहीं किया? आपने बुजुर्गों को 1 हजार रु पेंशन देने का वादा क्यों पूरा नहीं किया ? इसका जवाब प्रदेश की जनता और किसान भाइयों को दें। 

प्रदेश में कहीं भी नहीं है खाद का संकट - पटेल

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मिस्टर बंटाढार दिग्विजय सिंह के राज में किसान परेशान रहे इसके बाद आए कलंकनाथ ने किसानों की कमर तोड़ने का काम किया। कमल पटेल ने बताया कि रबी 2020-21 के लिए भारत सरकार द्वारा 22 लाख मेट्रिक टन यूरिया का आवंटन दिया गया है, जबकि विगत वर्ष रबी 2019-20 में 17.88 लाख मेट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया था। 1 अक्टूबर 2020 से 21 अक्टूबर 2020 तक 3.60 लाख मेट्रिक टन यूरिया ट्रांजिट सहित प्राप्त हो गया है, जबकि विगत वर्ष इस अवधि में 2.07 लाख मेट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ था। माह अक्टूबर के लिए भारत सरकार द्वारा 5.02 लाख मेट्रिक टन का आवंटन किया गया है जबकि विगत वर्ष 2019 के अक्टूबर माह में केवल 2.89 लाख मेट्रिक टन यूरिया ही प्राप्त हुआ था अभी हमने उससे अधिक 3.60 लाख मेट्रिक टन प्राप्त कर चुके हैं। सहकारी समितियों में किसानों को उनकी मांग के अनुसार यूरिया दिया जा रहा है, प्रदेश में यूरिया प्रदाय पर किसी प्रकार का कोई बंधन नहीं लगाया गया है। इसी प्रकार प्रदेश में रबी 2019-20 में 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक 6.55 लाख मेट्रिक टन डीएपी का वितरण किया गया था जबकि प्रदेश में वर्तमान में 3.24 लाख मेट्रिक टन डीएपी की उपलब्धता है। प्रदेश में 1 अक्टूबर से अभी तक 0.84 लाख मेट्रिक टन डीएपी का वितरण किया गया है जबकि विगत वर्ष इसी अवधि में 0.46 लाख मेट्रिक टन डीएपी का वितरण हो पाया था। प्रदेश में यूरिया और डीएपी की कहीं कोई समस्या नहीं है, किसानों को उनकी मांग के अनुसार यूरिया और डीएपी का वितरण किया जा रहा है।

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