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जैन समाज ने भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण महोत्सव हर्षोल्लास से मनाया

जैन समाज ने भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण महोत्सव हर्षोल्लास से मनाया

भगवान महावीर को चढ़ाए निर्वाण लाडू, किया 64 रिद्धि-सिद्धि मंत्रों से अभिषेक ओर पूजन

रंगोली से जीवंत चित्र बनाया भगवान महावीर का वाचना रितेश गंगवाल ने

लोकमत चक्र.कॉम (www.lokmatchakra.com)

हरदा - दिगंबर जैन समाज ने जैन पंचाग के अनुसार आज रविवार को कार्तिक कृष्ण अमावस्या मानते हुए भगवान महावीर का 2547वां निर्वाण महोत्सव मना कर अपनी दीपावली मनाई। इस अवसर पर मंदिरों में भगवान महावीर को निर्वाण लाडू चढ़ाए गए। मंदिर में भगवान महावीर स्वामी के 64 रिद्धि-सिद्धि मंत्रों के साथ अभिषेक ओर वृहद शांतिधारा के साथ अष्ट द्रव्यों से पूजन और निर्वाण कांड का पाठ हुआ। इसके साथ ही मोक्षकल्याणक अर्घ्य अर्पण समस्त वेदियों पर किया गया। सुबह से ही जिनालयों में दर्शन-पूजन के लिए समाजजनों की कतार लगने लगी थी। जैन धर्मावलंबियों ने इसके लिए अपने अपने घरों पर तैयार किये निर्वाण लाडू  लाकर मंदिर जी में अर्पित किये।

विशेष रूप से हरदा दिगम्बर जैन बड़े मंदिर में आज भगवान महावीर स्वामी के चित्र की जीवंत रांगोली वाचना रितेश गंगवाल द्वारा बनाई गई थी। समाजजनों ने जीवंत रंगोली बनाने पर   वाचना गंगवाल की सराहना की।

हरदा जैन समाज के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने बताया कि विश्व को शांति और अहिंसा तथा जियो और जीने दो जैसे सारगर्भित संदेश देने वाले जैन धर्म के प्रवर्तक 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के निर्वाणोत्सव पर नगर के चारों दिगंबर जैन मंदिर/चैत्यालय में सुबह से ही उल्लास के साथ प्रक्षाल अभिषेक तथा पूजा पाठ किया गया। इसके पश्चात महावीर स्वामी का निर्वाण कांड पढ़कर घंटे घड़ियाल की गूंज एवं जयकारों के बीच निर्वाण लड्डूू चढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल होने से सभी मंदिरों में समय ओर समाज जनों की उपस्थित सुनिश्चित की गई थी, जैन समाज के लोगों ने इसका पालन करते हुए निर्वाण महोत्सव मनाया।


जैन समाज के ट्रस्टी राजीव रविन्द्र जैन ने बताया कि जैनागम में आत्मा द्वारा शरीर को त्यागने को शोक का नहीं हर्ष का विषय बताया गया है। जैनागम के अनुसार जब आत्मा भौतिक सुखों को त्यागकर जन्म मरण के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष मार्ग को अग्रसर होती है वह परम सुख है। महावीर स्वामी ने राजपाट छोड़कर मोक्षमार्ग चुना। जिनके सिद्धांत आज के युग में और अधिक प्रासंगिक हो गए है। आज मंदिर जी की समस्त वेदियों के लिए निर्वाण लाडू समाज के मंत्री राहुल गंगवाल द्वारा तैयार किये गए थे। कोरोना काल होने से समाज के लोगों ने जैन संतों के निर्देश अनुसार विस्तृत पूजन अपने अपने घरो में धार्मिक चैनलों पर जैन संतो द्वारा बताई गई रिती से किया गया।


भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस -

भगवान महावीर का जीवन सत्य, अहिंसा और मानवता का संदेश देता है। उनका जीवन एक खुली किताब की तरह है। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर होकर अंतिम तीर्थंकर हैं। महावीर स्वामी ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन ही स्वाति नक्षत्र में कैवल्य ज्ञान प्राप्त करके निर्वाण प्राप्त किया था। भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस जैन धर्मावलंबी दीप प्रज्वलित कर दीपावली के रूप में मनाते हैं। इसी दिन जैन समाज के लोगों अपने नये खाते-बही की पूजन कर उन्हें प्रारंभ करते है। इस समय कोरोना काल के चलते जैन मंदिरों में कोरोना गाइडलाइन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पूजन-अर्चन किया गया। 


जैन पचांग के अनुसार रविवार, 15 नवंबर को कार्तिक कृष्ण अमावस्या होने से जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया तथा भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 15 नवंबर को जैन मंदिरों में अभिषेक, शांति धारा और महावीर स्वामी का पूजन तथा निर्वाण लाडू चढ़ाए गये। इसी दिन से जैन समाज का नया साल भी शुरू होता है।

महावीर स्वामी का संपूर्ण जीवन तप और ध्यान की पराकाष्ठा है इसलिए वह स्वतः प्रेरणादायी है। जैन धर्म में धन-यश तथा वैभव लक्ष्मी के बजाय वैराग्य लक्ष्मी प्राप्ति पर बल दिया गया है। भगवान के उपदेश जीवनस्पर्शी हैं जिनमें जीवन की समस्याओं का समाधान निहित है। भगवान महावीर चिन्मय दीपक हैं। दीपक अंधकार का हरण करता है किंतु अज्ञानरूपी अंधकार को हरने के लिए चिन्मय दीपक की उपादेयता निर्विवाद है। उनके प्रवचन और उपदेश आलोक पुंज हैं। 

प्रतिवर्ष दीपावली के दिन जैन धर्म में दीपमालिका सजाकर भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव मनाया जाता है। कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इस दिन जैन चातुर्मास भी पूर्ण हो जाते हैं तथा जैन मुनि और आर्यिकाओं का विहार शुरू हो जाता है, जहां वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ-जा सकते हैं। जैन समाज के लोगों ने निर्वाण लाडू चढ़ाकर एक दूसरे को दीपावली की बधाइयाँ ओर शुभकामनाएं दी।

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