महिला तहसीलदार निलंबित, भ्रष्टाचार के मामले में नायब तहसीलदार रहते हुए पद का दुरूपयोग कर शासन को लाखों का नुकसान पहुंचाने का आरोप
महिला तहसीलदार निलंबित, भ्रष्टाचार के मामले में
नायब तहसीलदार रहते हुए पद का दुरूपयोग कर शासन को लाखों का नुकसान पहुंचाने का आरोप
राज्य शासन ने देवास ग्रामीण क्षेत्र की तहसीलदार दीपाली जाधव को एक पुराने मामले में दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला तहसीलदार दीपाली जाधव पर आरोप है कि उन्होंने उज्जैन में नायब तहसीलदार रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और बैंक आरसीसी के मामले में ऋण वसूली हेतु जमीन की नीलामी कम कीमत में अपने पति के ड्राइवर के नाम पर करवाई इसका प्रकरण लोकायुक्त में पूर्व से ही गतिशील है।
उज्जैन लोकायुक्त के इंस्पेक्टर बसंत श्रीवास्तव के अनुसार उज्जैन में श्रीमती जाधव नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ थी उस समय बैंक ऋण जमा नहीं करने पर एक किसान की जमीन नीलामी की प्रक्रिया चल रही थी। उक्त जमीन की कीमत शासकीय मूल्यांकन के मुताबिक 30 लाख रूपए थी, जिसे नायब तहसीलदार दीपाली जाधव ने अपने पति के ड्राइवर के नाम से मात्र 11 लाख रुपए में नीलाम कर दिया। उक्त मामले में लोकायुक्त द्वारा तहसीलदार का चालान मार्च माह में न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
उल्लेखनीय है कि नायब तहसीलदार दीपाली जाधव पर लोकायुक्त ने वर्ष 2014 में उक्त मामले को लेकर प्रकरण दर्ज किया था, किंतु शासकीय रूकावटों के चलते चालन पेश करने में देरी हुई। नायब तहसीलदार श्रीमती जाधव के विरुद्ध 28 मार्च 2014 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लोकायुक्त पुलिस ने जांच में पाया कि जमीन नीलामी में गड़बड़ी की गई है। सांठ-गांठ कर नायब तहसीलदार ने अपने पति रणवीर करनाल निवासी इंदौर के हस्ताक्षर कराएं और जमीन को इंदौर के ही प्रेमचंद दांगी को खरीदना बताया किंतु जब जांच की गई तो बताए पते पर प्रेमचंद दांगी नहीं मिला। लोकायुक्त पुलिस ने जांच के पश्चात तीनों के विरुद्ध 13(1) बी, 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तथा 120 बी आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि देवास जिले की बागली तहसील में पदस्थापना के दौरान उक्त महिला तहसीलदार पर जनता के काम सहजता से ना करने के आरोप लगे थे और इसके चलते उनका बागली से देवास स्थानांतरण किया गया था।
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