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आवारा मवेशी पहुंचा रहे खेतों में लगी गेहूं व चने की फसलों को नुकसान

आवारा मवेशी पहुंचा रहे खेतों में लगी गेहूं व चने की फसलों को नुकसान


नगरीय क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों में लापरवाह मवेशी मालिकों को समझाने जाते है किसान तो करते है वे विवाद
लोकमत चक्र.कॉम (www.lokmatchakra.com)

टिमरनी। क्षेत्र में इन दिनों किसानों के द्वारा अपने खेतों में गेहूं व चने की बुआई तो पलेवा करने के पश्चात कर दी है । तथा दोनों ही फसलें अनेक किसानों की तो पन्द्रह पन्द्रह दिनों से भी ऊपर की हो चुकी है लेकिन अब किसानों को यह अपनी फसलों की आवारा मवेशीयों से सुरक्षा करने की चिंताऐं सताने लगी है जो ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लापरवाह पशुपालक अपने मवेशीयों को खुला छोड़ देते है जो मवेशी सीधे किसानों के खेतों में घुस जाते है तथा खेतों में लगी हुई फसलों को ये मवेशी खाकर नुकसान पहूंचाने में लगे है ।

लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहींं जहां यह मवेशीयों को लेकर ग्राम पंचायतों को भी राजस्व विभाग के सहयोग से मुनादी कर कारवाई की जानी चाहिये लेकिन राजस्व विभाग का भी इस ओर ध्यान नहींं है।पोखरनी गांव के क्रषक केदार पाटिल ने बताया की वास्तव में मवेशीयों को अनेक पशुपालक खुला छोड़ देते है जो यह नहींं देखते की हमारे मवेशी किस ओर जा रहे जबकि वे सीधे खेतों में खडी़ फसलों में पहूंचकर नुकसान पहूंचाते है जो फसल दोबारा वापस सही नहींं होती ओर किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है ।

वही पोखरनी के कृषक राकेश बागरे ने बताया की इसके लिये राजस्व व पंचायत को ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर मुनादी करानी चाहिये ताकि मवेशी पशुपालक खुला ना छोड़ते हुये उन्हें देखे।

इनका कहना है -

हम हलका पटवारीयों व ग्राम कोटवारों से इस मामले को लेकर चर्चा कर किसान हित मेंं निर्णय लेकर शीघ्र ही गांवों में मुनादी करायेंगे ताकि कोई भी पशुपालक अपने मवेशीयों को लापरवाही पूर्वक खुला ना छोडे़ ।

- रामस्वरूप जायसबाल,  तहसीलदार टिमरनी

- संवाददाता सन्दीप अग्रवाल की रिपोर्ट...✍️

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