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अधिकारियों की प्रताड़ना ओर दबाव से हुई छतरपुर के पटवारी की हार्ट अटैक से मौत के मामले पटवारी संघ सख्त

अधिकारियों की प्रताड़ना ओर दबाव से हुई छतरपुर के पटवारी की हार्ट अटैक से मौत के मामले पटवारी संघ सख्त

ज्ञापन देकर कार्यवाही की करेंगे मांग, कार्यवाही नहीं होने पर करेंगे आंदोलन


भोपाल
 - छतरपुर जिले में अधिकारियों की प्रताड़ना, दबाव ओर मानसिक तनाव से आये हार्ट अटैक के चलते हुई पटवारी की मौत पर मध्यप्रदेश पटवारी संघ के द्वारा गहन रोष व्यक्त कर दोषी अफसरों पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की मांग किये जाने का निर्णय लिया गया है।

उक्त संबंध में मध्यप्रदेश पटवारी संघ के प्रांताध्यक्ष उपेन्द्र सिंह बाघेल ने कहा कि छतरपुर की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है, हमारे अधिकारी जिन्हें हम परिवार का हिस्सा मानते हैं, उन्होंने हमारे पटवारी साथी के साथ अमानवीय और दुश्मन की तरह का व्यवहार किया है, जिसकी परिणति में हमारे साथी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमने अपना साथी नहीं खोया है, अधिकारियों ने निर्लज्जतापूर्वक  अमानवीयता की हदें पार की है, इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाहियो के बिना प्रदेश का कोई साथी चैन से नही बैठेगा। 

श्री बाघेल ने कहा कि दोषी अधिकारियों को बिना सज़ा दिलाये हमारे साथी की आत्मा को शांति नही मिलेगी, पूरे प्रदेश के साथी इसका पुरज़ोर प्रतिकार करेंगें और शुक्रवार को एक साथ पूरे प्रदेश में घटना की न्यायिक जांच की मांग और अधिकारियों के खिलाफ FIR की कॉपी के साथ मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि शासन द्वारा उक्त मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही नही की जाती है तो मध्यप्रदेश पटवारी संघ द्वारा आन्दोलन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि छतरपुर शहर के विश्वनाथ कालोनी निवासी 58 वर्षीय पटवारी नवलकिशोर त्रिपाठी की हार्टअटैक आ जाने से जिला अस्पताल में ईलाज के दौरान मौत हो गई।

परिजनों का आरोप है कि उन्हें प्रशानिक अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किया गया जिससे उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक 58 वर्षीय पटवारी नवलकिशोर त्रिपाठी बिजावर तहसील के रगौली मौजा में पदस्थ थे जिनका ट्रांसफर 7 दिसंबर को गौरिहार हुआ था जिसका वह हाईकोर्ट से स्टे ले आये थे। इस बीच वे स्वास्थ्य खराब होने के चलते पन्ना अस्पताल में भर्ती थे जिसके चलते वह रिलीव नहीं हो सके और न ही रिकार्ड दे सके।

दिवंगत पटवारी के सुपुत्र ने बताया कि बाबजूद इसके प्रभारी तहसीलदार दुर्गेश तिवारी द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया गया और 26 जनवरी को उनकी अनुपस्थित में (ज़ब वह अस्पताल में भर्ती थे) मातगुवां थाना की पुलिस घर भेजकर जबरन रिकार्ड जप्त करवाया और FIR दर्ज कराकर धारा 409 के तहत मुजरिम बना दिया।

FIR हो जाने से वह काफी हताश और मानसिक टेंशन में थे। जमानत की अर्जी भी न्यायालय में लगाई थी जिसकी जमानत 4 फरवरी को होनी थी पर इसी बीच उन्हें हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई।

वहीं अब मृतक पटवारी के परिजनों का आरोप है कि प्रशासनिक प्रताड़ना से उनकी मौत हो गई जिसका मुख्य जिम्मेदारा प्रभारी तहसीलदार दुर्गेश तिवारी है।

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