15 साल पुरानी कार रखने वालों को भरना होगा 8 गुना महंगा चार्ज, अक्टूबर से बदलेंगे नियम
15 साल पुरानी कार रखने वालों को भरना होगा 8 गुना महंगा चार्ज, अक्टूबर से बदलेंगे नियम
15 साल पुरानी बस या ट्रक के लिए फिटनेस नवीनीकरण सर्टिफिकेट हासिल करना 21 गुना महंगा होगा
पुरानी कार खरीदने के पहले जान ले सरकार क्या कर रही है बदलाव
नई दिल्ली - 15 साल पुरानी कार या अन्य वाहन रखने वालों या फिर पुरानी कार खरीदने वालों के लिए यह खबर परेशान करने वाली है। अब अक्टूबर माह से ऐसी कारों एवं दूसरे वाहनों को रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के लिए 8 गुना ज्यादा रकम चुकानी होगी।
केंद्र सरकार ने आज 15 साल पुराने वाहनों के लिए व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी को पेश कर दिया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, वायु प्रदूषण में कमी आयेगी और ईंधन की खपत और तेल आयात में भी कमी आयेगी।
अक्टूबर से वाहन रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के लिए आपको 5000 रुपये चुकाने होंगे। वहीं बाईक के नवीनीकरण के लिए मौजूदा 300 रुपये की बजाए 1000 रुपये चुकाने होंगे। सबसे बुरी मार बस और ट्रक के संचालकों पर पड़ेगी। उनके लिए 15 साल पुरानी बस या ट्रक के लिए फिटनेस नवीनीकरण सर्टिफिकेट हासिल करना 21 गुना महंगा होगा। अब उन्हें इसके लिए 12,500 रुपये चुकाने होंगे।
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इस वृद्धि के संबंध में एक ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह बदलाव व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत किए जा रहे हैं। इस प्रस्ताव के अनुसार, वाहन के रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण में देरी के चलते 300 से 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से जुर्माना अदा करना होगा। वहीं कॉमर्शियल वाहन की फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करने में देरी पर 50 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा।
◆ प्रस्तावित दरें :
निजी वाहन
वाहन प्रकार रजिस्ट्रेशन की दर रिन्युअल की दर
मोटर साइकिल 300 500
3 पहिया वाहन 600 2500
कार जीप 600 5000
विदेशी वाहन 5000 40000
व्यवसायिक वाहन
वाहन प्रकार नया फिटनेस फिटनेस
सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट का रिन्युअल
मोटर साइकिल 500 1000
3 पहिया वाहन 1000 3500
टैक्सी / कैब 1000 7000
मध्यम सामान एवं यात्री वाहन 1300 10000
भारी सामान एवं यात्री वाहन 1500 12500
इस तारीख से 15 साल पुरानी गाड़ियां कबाड़
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक प्रस्ताव के मुताबिक सरकारी विभाग 1 अप्रैल 2022 से अपने 15 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं करा पाएंगे। अगर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय इसे अंतिम रूप देता है तो यह व्यवस्था पूरे देश में लागू हो जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद नए नियम सभी सरकारी वाहनों पर लागू होंगे। इसमें केंद्र और राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेश, PSUs, म्युनिसिपल और सभी ऑटोनॉमस संस्थाओं के वाहन शामिल हैं। जिसके बाद सरकारी विभाग एक अप्रैल,2022 से अपने 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के पंजीकरण का नवीकरण नहीं करा पाएंगे।
स्क्रैपिंग नीति की घोषणा करते हुए गडकरी ने कहा कि देश में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का आकार 4.50 लाख करोड़ रूपये का है और अगले पांच वर्षों में यह बढ़कर 10 लाख करोड़ रूपये का होने की उम्मीद है। ज्यादा से ज्यादा पुरानी कारों को स्क्रैपेज पॉलिसी के दायरे में लाने के लिए छूट की पेशकश की गई है। पॉलिसी में कहा गया है कि स्क्रैपेज सर्टिफिकेट दिखाने पर ग्राहकों को 5% इंसेंटिव दिया जा सकता है। गडकरी ने कहा कि ग्राहकों को छूट देने के लिए ऑटो कंपनियों से अपील की जाएगी। रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में भारी छूट दी गई है। इससे वाहनों की बिक्री 10 से 15 प्रतिशत बढ़ेगी। इससे राज्य और केंद्र सरकार का जीएसटी कलेक्शन बढ़ेगा
2 साल में पेट्रोल वाहनों जितनी होगी इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत
गडकरी ने कहा कि मैं अनुमान और विश्वास के साथ बता रहा हूं कि 2 साल में पेट्रोल से चलने वाले फोर व्हीलर की लागत इलेक्ट्रिक व्हीकल के बराबर होगी। स्क्रैपिक पॉलिसी के कारण कॉस्ट सस्ती होगी, और वाहन उद्योग कंपीटिंट बनेगा। अभी टेस्ला आ रहा है, मर्सिडीज से लेकर बीएमडब्लूय तक दुनिया के सभी ब्रांड भारत में हैं 5 साल में भारत दुनिया का नंबर वन ऑटो हब बनेगा। 4.5 लाख करोड़ की इंडस्ट्री 5 साल में 10 लाख करोड़ की बनेगी। इससे आटोमोबाइल सेक्टर में 3.7 करोड़ लोगों को प्रत्याक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
51 लाख वाहन 20 साल पुराने
भारत में 51 लाख हल्के वाहन हैं जो 20 साल से ज्यादा पुराने हैं 34 लाख लाइट वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना लगभग 17 लाख मीडियम और भारी कमर्शियल वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं, पुराने वाहन फिट वाहनों की तुलना में 10-12 गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं और सड़क सुरक्षा के लिए भारी जोखिम हैं।
एक साल में मेड इन इंडिया होगी लीथियम बैटरी
गडकरी ने बताया कि लीथियम आयन बैटरी के लिए हमारे विभाग ने इसरो से लेकर डीआरडीओ तक भारत सरकार की सभी संस्थाओं को बुलाया था। इस समय 81 प्रतिशत बैटरी हिंदुस्तान में बन रही है, आने वाले समय में एक साल के अंदर 100 प्रतिशत लीथियम आयन बैटरी मेड इन इंडिया होगी।
फिटनेस न होने पर रजिस्ट्रेशन खत्म
गडकरी ने बताया कि पॉलिसी में यह प्रस्ताव है कि कमर्शियल वाहन वाहन फिटनेस असफल होने के मामले में 15 वर्ष के पश्चात अनिवार्य रूप से डी रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा। 15 वर्ष तक बाद अगर वाहन री रजिस्टर्ड नहीं हुआ तो पक्के तौर पर उसे डी रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले में 2-3 फिटनेस सेंटर पॉल्यूशन सेंटर खुलेंगे।
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