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दो जिले के रेत ठेकेदार आमने-सामने, जमकर होती है गुंडागर्दी

दो जिले के रेत ठेकेदार आमने-सामने, जमकर होती है गुंडागर्दी

बन्दूक ओर हथियार लहराते फैला रहे दहशत, कभी भी हो सकता है खूनी संघर्ष


हरदा
। इन दिनों दो जिले के रेत कारोबारी ठेकेदार आमने सामने नजर आ रहे हैं। खनिज जांच नाकों पर आये दिन विवाद की स्थित बनती रहती है। ऐसे हालात में कभी भी यह विवाद बड़ा रूप लेकर खूनी संघर्ष में बदलने से इंकार नहीं किया जा सकता। इन रेत ठेकेदारों द्वारा एक दूसरे की रेत की गाड़ियों को रोका जाता है और रेत की रॉयल्टी चेक करने के नाम से एक दूसरों की गाड़ियों को घंटों घंटे तक रोका जाता है और परेशान किया जाता है। जिससे एक दूसरे ठेकेदार के कर्मचारी आमने सामने होते हैं। 

प्रशासन की ओर से कुछ स्थानों पर खनिज जांच नाके तो बनाए गए हैं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी कर्मचारी इन नाकों पर नजर नहीं आता। प्रशासन की ओर से होशंगाबाद रेत ठेकेदार एवं हरदा रेत ठेकेदार को अपने एक एक कर्मचारी खनिज जांच नाको पर बैठने की अनुमति तो दे दी। लेकिन ठेकेदारो द्वारा एक - एक कर्मचारियों के स्थान पर दर्जन भर से अधिक  कर्मचारियों को बैठाया जाता है। खनिज जांच नाको पर एक दूसरे के सामने होकर गुंडागर्दी की जाती है। वही दोनो रेत ठेकेदारो के कर्मचारी बंदूकों एवं हथियारों से लैस होते हैं। अगर समय रहते प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इन रेत कारोबारियों के बीच कभी भी खूनी संघर्ष  हो सकता है।

नर्मदा में बेखौफ चल रही पनडुब्बियां

वैसे तो नर्मदा नदी सहित अन्य नदियों में पनडुब्बियों से खनन पर पाबंदी लगाई गई है, परन्तु इस पाबन्दी का कोई असर खनन करने वाले लोगों पर नहीं पड़ता। नर्मदा नदी में यह पनडुब्बी बेखोफ चलती आसानी से देखी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों प्रशासन द्वारा ऐसी ही एक पनडुब्बी को कब्जे में लिया गया था। बावजूद इसके अब भी जहां  तहां इन पनडुब्बी को देखा जा सकता है। नदी के पानी के बीच रेत के ढेर इस बात को प्रमाणित करते हैं।

 ग्रामीण सड़कें हो रही बर्बाद

जिले में रेत से भरे ओवरलोड डंपर ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। इन डंफरो से एक और जहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर करोडो रुपए की लागत से ग्रामीण इलाकों में बनी सड़कें बर्बाद हो रही हैं। रेत के कारोबार से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने में प्रशासन भी नाकाम साबित हो रहा है। हरदा जिले में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां वर्षों के बाद पक्की सड़क नसीब हुई थी, परंतु रेत के खेल ने उन्हें वापस अपने वही पुराने दिन लौटा दिए हैं। हाल यह है कि इन सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है। 

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