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होशंगाबाद एवं हरदा जिलों में नहरों की लाईनिंग सीमेंटीकरण का कार्य में अफसरों की लापरवाही पर शासन हुआ सख्त

होशंगाबाद एवं हरदा जिलों में नहरों की लाईनिंग सीमेंटीकरण का कार्य में अफसरों की लापरवाही पर शासन हुआ सख्त

तवा नहर की लाइनिंग में गड़बड़ी, ए.ई., उपयंत्री समेत चार इंजीनियर्स की वेतनवृद्धि रोकी

भोपाल - तवा नहर कमांड एरिया के होशंगाबाद एवं हरदा जिलों में नहरों की लाईनिंग सीमेंटीकरण का कार्य में जल संसाधन विभाग के अफसरों की लापरवाही से क्वालिटी वर्क नहीं होने पर एक सहायक यंत्री समेत तीन उपयंत्रियों की वेतनवृद्धि रोकी गई है। साथ ही ठेकेदार को खुद के खर्च पर गड़बड़ काम को ठीक करने के लिए कहा गया है। करीब साढ़े 9 सौ करोड़ के अलग-अलग चरण के काम में अभी साठ फीसदी काम बाकी है। 


विधायक प्रेमशंकर वर्मा के सवाल के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि तवा परियोजना की नहरों की विस्तारीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के अंतर्गत प्रथम चरण की स्वीकृति वर्ष 2013 में 89.91 करोड़ रुपए की दी गई। द्वितीय से चतुर्थ चरण की स्वीकृति वर्ष 2016 में 858.01 करोड़ रुपए की देकर नहरों में लाईनिंग कार्य शुरू कराया गया। प्रथम चरण के अंतर्गत कार्य मई 2018 में पूर्ण हुए हैं। द्वितीय से चतुर्थ चरण तक के कार्य मई 2024 तक पूर्ण किया जाना है। अब तक हुए काम के बदले 562.98 करोड़ खर्च किए गए हैं और 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जाना बाकी है। निर्धारित गुणवत्ता स्तर को बनाए रखने के लिए एक गुण-नियंत्रक इकाई कार्यरत है। बांयी तट नहर का कार्य पूर्ण हो चुका है। 

बांयी तट नहर की आरडी  6523 मीटर से 23470 मीटर तक लाईनिंग कार्य में कुछ स्थानों पर गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं कराया गया। इसके बाद लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार के स्वयं के व्यय पर पुन: विभागीय मापदण्डों एवं गुणवत्ता अनुसार कार्य कराया जाना है। इस मामले में जिम्मेदार अफसरों के विरुद्ध प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग ने एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की कार्यवाही की है। इनकी वेतनवृद्धि रोकी गई है, उनमें सहायक यंत्री अरविंद कुमार यादव, उपयंत्री एमएल चन्द्रोल, बीके उपाध्याय, एनके सूर्यवंशी शामिल हैं।

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