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एसडीएम का रीडर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाया

एसडीएम का रीडर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ाया


मध्य प्रदेश सरकार  ने भ्रष्टाचारियों  पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। आए दिन भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के मामले सामने आ रहे हैं। बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारियों को रिश्वत  लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला अब ग्वालियर जिले के भितरवार  से सामने आया है।

दरअसल मामला ग्वालियर जिले के  चिनोर के अमरोल गांव का बताया जा रहा है। जहां 1 साल से परेशान हो रहे एक किसान की शिकायत पर लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त की टीम ने भितरवार एसडीएम कार्यालय में पदस्थ बाबू को 2000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बाबू इंद्राज दुरुस्ती के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहा था।बाबू ने काम के बदले 4000 रुपये की मांग की थी और 2000 रुपये एडवांस में ले चुका था,आपको बता दें कि चीनौर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम अमरोल निवासी नारायण सिंह रावत की एक जमीन सरकारी दस्तावेजों में गलत इंद्राज हो गई थी। जिसकी दुरुस्ती के लिए वह लगातार भितरवार एसडीएम ऑफिस के चक्कर काट रहे थे। इसके लिए वहां पदस्थ बाबू राजेंद्र परिहार ने उनसे 4000 रिश्वत की मांग की थी, 2000 रुपये एडवांस लेने के बाद भी उन्हें लगातार चक्कर लगावाता रहा।

जानकारी के मुताबिक इंद्राज दुरस्ती के लिए बाबू राजेंद्र परिहार  द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी। जिसके बाद किसान नारायण सिंह रावत द्वारा एसडीएम के बाबू राजेंद्र परिहार की शिकायत लोकायुक्त से की गई।इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि ग्वालियर कलेक्टर ने भी अपने हस्ताक्षर कर आवेदन को आगे कर दिया था कि इस किसान की इंद्राज दुरुस्ती की जाए पर उसके बावजूद भी बाबू पिछले एक साल से किसान को लगातार दफ्तर के चक्कर कटवा रहा था।

लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए प्लान के तहत पहले किसान को बाबू राजेंद्र परिहार के पास भेजा। वही जैसे ही बाबू राजेंद्र परिहार द्वारा रिश्वत लेने की कोशिश की गई। एसडीएम ऑफिस में दबिश देते हुए लोकायुक्त की टीम ने परिहार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।

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