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भगवान श्रीराम भारतीय संस्कृति के पुरोधा हैं : आचार्य श्री विद्यासागरजी

भगवान श्रीराम भारतीय संस्कृति के पुरोधा हैं : आचार्य श्री विद्यासागरजी

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय बंसल ने नेमावर पहुंचकर लिया आचार्य श्री का आशीर्वाद


नेमावर/हरदा
- भगवान श्रीराम भारतीय संस्कृति के पुरोधा हैं। श्री राम का संपूर्ण जीवन प्रेरणादाई है। श्री राम और भारत का इतिहास गौरवशाली है, इसलिए अयोध्या में वर्तमान और भविष्य भी गौरवशाली होना चाहिये। अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है इसलिए भारतीय संस्कृति के दर्शन भी मंदिर परिसर में हो ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए। उक्त बातें संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के महामंत्री एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय बंसल से चर्चा करते हुए कही।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को नेमावर में विराजित दिगंबर जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शनार्थ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के महामंत्री एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय बंसल पधारे थे।


आचार्य श्री से उन्होंने लगभग एक घंटे तक अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा की। बंसल ने अयोध्या राम मंदिर के पूरे नक्शे और प्लानिंग से आचार्यश्री को अवगत कराया। इस दौरान आचार्यश्री ने कहा कि पूरा निर्माण वास्तु अनुसार किया जाए मंदिर के चारों और विशाल भव्य गेट का निर्माण हो साथ ही मुख्य गेट एकदम सीध में मंदिर की ओर हो जिससे भगवान का सीधा दर्शन हो सके। साथ ही अयोध्या में राम मंदिर के साथ ही श्री राम जी की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए जो श्रद्धा के साथ साथ आकर्षण का केंद्र भी बने। आचार्य श्री जी ने मंदिर निर्माण को लेकर स्थापत्य कला, नागर शैली पर भी प्रकाश डाला। 

सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र के अध्यक्ष इंजीनियर संजय मैक्स ने जानकारी देते हुए बताया कि चर्चा के दौरान बंसल ने बताया कि अयोध्या देश की धार्मिक और पवित्र नगरी है, यहां होटल कल्चर नहीं होगा। श्रद्धालुओं के लिए धर्मशालाओं का निर्माण होगा। संपूर्ण क्षेत्र पूर्ण कर शाकाहार ही रहेगा देश के संतों के आशीर्वाद से अयोध्या धार्मिक राजधानी होगी देश में चार धाम है पांचवा धाम अयोध्या के रूप में निर्मित करने का सौभाग्य सभी देशवासियों को मिला है यह प्रभु श्री राम का मंदिर राष्ट्र मंदिर होगा आचार्य श्री विद्यासागर जी से आज आशीर्वाद मिला है उनके और देश के साधु संतों के मार्गदर्शन में निर्धारित अवधि में ही मंदिर निर्माण पूर्ण होगा। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हुकमचंद सावला भी विशेष रूप से उपस्थित थे। सावला द्वारा रचित जैन गौरव पुस्तक का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। राष्ट्रीय स्तर की हथकरघा संचालन समिति के प्रमुख ब्रह्मचारी सुनील भैया द्वारा जेलों में चलने वाले हथकरघा से निर्मित वस्त्र बैग चादर साड़ी जैकेट कुर्ता पजामा धोती कुर्ता तोलिया भी दोनों को दिखाए और खादी के धोती कुर्ता सम्मान स्वरूप भेंट किए।

सिद्धोदय ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष इंजी. संजय मैक्स, कार्याध्यक्ष सुरेश काला, हितेश बड़जात्या, जिनेश काला, सुशील काला, नरेंद्र चौधरी आदि ने अतिथियों को जैन साहित्य मूक माटी महाकाव्य एवं आचार्य श्री जी के चित्र भेंट कर सम्मानित किया। साथ में आए हुए अतिथि खगेंद्र भार्गव  विश्व हिंदू परिषद मध्य भारत प्रांत के मंत्री नंददास प्रांतीय संगठन मंत्री विश्व हिंदू परिषद सोहन विश्वकर्मा प्रांत मंत्री विश्व हिंदू परिषद नारायण व्यास पूर्व उपाध्यक्ष गौ संवर्धन बोर्ड, कबीश जैन नागपुर भी उपस्थित थे। उनका भी स्वागत सम्मान किया गया। दर्शनार्थ चर्चा उपरांत सभी अतिथियों ने पत्थरों से बन रहे पंच बालयती त्रिकाल चौबीसी सहस्त्र कूट जिनालय एवं जैसलमेर के पीले पत्थरों से बन रहे संत निवास का बारीकी से अवलोकन किया

"चंपत राय बंसल पिछले 30 वर्षों से राम मंदिर के को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के पक्ष में निर्णय लिया गया इसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो न्यास बोर्ड गठित हुआ उस में विशेष रुप से उन्हें स्थान दिया गया। गौरतलब है कि अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के निर्माण संबंधित सभी प्रमुख कार्य उन्हीं के माध्यम से होंगे।"

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