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दूसरों की जिंदगी बचाने आक्सीजन सिलेंडर लेने जाने के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए पटवारी का पांच दिन बाद निधन

दूसरों की जिंदगी बचाने आक्सीजन सिलेंडर लेने जाने के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए पटवारी का पांच दिन बाद निधन

(लोकमत चक्र डॉट कॉम)

इंदौर/खंडवा - शासकीय बदइंतजामी का खामियाजा प्रदेश के पटवारियों को अपनी जान देकर भोगना पड़ रहा है। खंडवा जिले में कोरोना के इस भंयकर संक्रमण के दौर में आक्सीजन की कमी पर पटवारियों की ड्यूटी आक्सीजन लाने में लगाई गई है।

इंदौर के पीथमपुर आक्सीजन प्लांट के बाहर 6 दिनों तक आक्सीजन लेने रूके रहे पटवारियों को रिलीफ करने खंडवा के पांच पटवारियों को अधिकारियों ने भिजवाया। उनके वाहन का इंदौर के समीप एक्सीडेंट हो गया ओर वाहन पलट गया था। जिसमें चार पटवारियों को हल्की चोट आई थी तो वहीं पटवारी नितिन पालीवाल पटवारी को सिर में गंभीर चोंट आई थी।

पटवारियों के दुर्घटना की खबर सुनकर खंडवा पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष अश्विनी सैनी ओर इंदौर जिले के पटवारीयों ने तत्काल मौके पर पहुंच कर सहायता की। खंडवा जिले के साथियों ने श्री पालीवाल के इलाज के लिए खुले दिल से आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया किंतु नियति को शायद कुछ ओर मंजूर था। अंततः विगत पांच दिनों से मौत से जंग लड़़ रहे पटवारी नितिन पालीवाल जिंदगी की जंग हार गए। 

गौरतलब है कि प्रशासन द्वारा हर काम के लिए पटवारियों को ही आगे किया जाता है भले ही उन्हें कोई प्रशिक्षण, संशाधन ना दिये हो। वेतनमान के मुद्दे पर सरकार कहती है कि पटवारी करते क्या है। पटवारियों को प्रताड़ित करते समय अधिकारी कहते है कि पटवारी क्या करते है, इन सभी मामलों पर यदि सरकार गौर करें तो शायद पटवारी पद के लिए वेतनमान कम है कि नहीं वह उन्हें समझ आयेगा।

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