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जिले की समस्त तहसीलों में पटवारियों ने सौंपा ज्ञापन, सार्थक एप के विरोध में

जिले की समस्त तहसीलों में पटवारियों ने सौपा ज्ञापन, सार्थक एप के विरोध में




लोकमत चक्र डॉट कॉम

हरदा - पटवारियों को शासन के द्वारा सप्ताह में दो दिन ग्राम पंचायत पर उपस्थित रहने के आदेश के बावजूद अब मोबाइल एप सार्थक से उपस्थित लेने के नये प्रयोग से व्यथित पटवारियों ने सार्थक एप का बहिष्कार कर दिया है। आज एप बंद करने को लेकर पटवारियों द्वारा विरोध करते हुए जिले की समस्त तहसीलों में विरोध दर्ज करवाते हुए आयुक्त भू-अभिलेख के नाम ज्ञापन तहसीलदारों को दिया।

मध्यप्रदेश पटवारी संघ के संघर्ष समिति के सदस्य राजीव जैन ने पटवारियों का पक्ष रखते हुए बताया कि पटवारियों द्वारा सम्पादित कार्यो की प्रकृति मूलतः कार्यालयीन कम होकर अधिकांशतः मैदानी स्तर की है। तथा पटवारी फील्ड का कर्मचारी होकर चौबीसों घंटे सातो दिवस निरंतर ग्राम, तहसील जिला में भ्रमण कर कोविड ड्यूटी से लेकर शासन के 46 विभागों का कार्य सम्पादित करता है। पटवारी को किसी स्थान विशेष से जोड़कर उसपर समयसीमा, ऑनलाइन उपस्थिती आदि की बाध्यता को लागू करना अव्यावहारिक होकर गलत है ।

उन्होंने बताया कि आयुक्त महोदय भू०अभिलेख मध्यप्रदेश का पत्र क्र 168/2021/CLR /MPLRS/सार्थक/2021 भोपाल दिनांक 26/03/2021 के क्रम में प्रदेश के पटवारियों की मुख्यालय पर उपस्थिती सारा एप्प पर सार्थक माँड्यूल आप्शन के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज कराये जाने बावत प्रसारित निर्देश दिये है।

आयुक्त भू अभिलेख के उक्त आदेश से व्यथित होकर प्रदेश के समस्त पटवारियों की मांग पर मध्यप्रदेश पटवारी संघ द्वारा लिये गए निर्णय अनुसार चेतावनी ज्ञापन तहसीलदारों को सौंपा है। पटवारियों का कहना है कि यदि 10 अप्रैल तक सार्थक एप को सारा एप से नहीं हटाया जाएगा तो पटवारी सारा एप का बहिष्कार कर उक्त एप अपने मोबाइल से डिलीट कर देंगे ओर अपने संशाधनों से आनलाईन कोई भी शासकीय कार्य नहीं करेंगे।

इसके साथ ही श्री जैन ने कहा कि शासन द्वारा पटवारी के कार्यो को कोई महत्त्व ना देते हुए उस पर नित नये कार्यो योजनाओ को लागू कर दिया जाता है साथ ही कार्य संपादन हेतु कोई संसाधन भी ना देते हुए अनावश्यक रूप से पटवारियों को प्रताडित किया जाता है। पटवारियों की कई वर्षो से लंबित मांगो 2800 वेतनमान ,यात्रा भत्ता, स्टेशनरी भत्ता बढ़ाने, स्थाई कार्यालय,पदोन्नति, समयमान वेतनविसंगति दूर करने , स्थाईकरण सहित कई प्रमुख न्यायोचित मांगो के सम्बन्ध में शासन द्वारा केवल अश्वासन ही दिया जाता रहा है और कोई मांग पूरी नहीं की है। 

उन्होंने कहा कि पी एम किसान सम्मान निधि व सी एम किसान कल्याण योजना का कार्य भी शासन द्वारा पटवारियों से करवाया गया किन्तु तकनीकी संसाधन ,मानदेय अभी तक ना दिया जाकर निरंतर पटवारियों पर कार्यवाहियां की जा रही है। अभी तक अधिकतर पटवारियों को स्मार्टफ़ोन मोबाइल क्रय राशि का भुगतान भी नहीं किया गया है और पचास हज़ार रूपये की लगत वाला लैपटॉप अल्प वेतन प्राप्त पटवारियों द्वारा स्वयं से खरीदने हेतु शासन द्वारा पटवारियों के वेतन रोकने,दण्डित करने आदि रूप से अनावश्यक दबाब बनाया जा रहा है । जिससे पटवारी संवर्ग पहले से ही शोषित हो रहा है और दबाबवश पटवारियों की निरंतर म्रत्यु हो रही है।

पटवारियों के कार्यो की प्रकृति को देखते हुए उस पर इस प्रकार सारा एप्प पर सार्थक माँड्यूल आप्शन के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराया जाना अव्यावहारिक होकर गलत है । उक्त स्थिती से ना केवल पटवारी संवर्ग द्वारा किये जा रहे विभागीय कार्य बाधित होंगे अपितु इससे पटवारी संवर्ग का शोषण और अधिक बढ़ जाएगा। अतः तत्काल उक्त आदेश को निरस्त करने हेतु ज्ञापन प्रस्तुत किया जा रहा है अन्यथा पटवारी संघ आन्दोलन करने व न्यायालयींन कार्यवाही हेतु बाध्य होगा।

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