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बड़ी लापरवाही हमीदिया अस्पताल की, नफीसा की डेडबॉडी सौंप दी शीला के परिजनों को

बड़ी लापरवाही हमीदिया अस्पताल की, नफीसा की डेडबॉडी सौंप दी शीला के परिजनों को

हंगामे के बाद 2 हुए निलंबित . . .

भोपाल - मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अलग अलग धर्मों की 2 कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की मौत के बाद उनकी डेडबॉडी गलत तरीके से सुपुर्द करने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा तब हुआ जब हिन्दू समाज की मृत महिला के स्थान पर उसके परिजनों को मुस्लिम समाज की महिला का शव सौंप दिया गया और हिन्दू रिवाज से उसका अंतिम संस्कार भी हो गया। मुस्लिम समाज की मृत महिला के परिजन जब डेडबॉडी लेने पहुंचे तो दूसरी महिला का शव दिए जाने पर उन्होंने आपत्ति की। इसके बाद हंगामे के हालात बन गए। अस्पताल प्रशासन ने 2 कर्मचारियों को इस मामले में सस्पेंड कर दिया है। 

अधीक्षक हमीदिया चिकिसालय डॉ आई डी चौरसिया और अधिष्ठाता गांधी मेडिकल कालेज भोपाल डॉ जितेंद्र शुक्ला ने गुरुवार को 2 मृतक महिलाओं के शवों की अदला-बदली को एक मृतक के परिवारजनों द्वारा गलत शिनाख्त के चलते इस घटना का होना बताया है। उन्होंने जांच के बाद 2 स्वास्थ्य कर्मियों को निलंबित भी कर दिया है।

डॉ चौरसिया ने बताया कि 8 अप्रैल को हमीदिया चिकित्सालय में कोविड-19 से मृत्यु होने पर शीला बाई एवं नफीसा बी की देह को क्रमशः उनके नामों के पर्ची के साथ संपूर्ण कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हमीदिया चिकित्सालय के मरचुरी में रखा गया था ।कोविड-19 की गाइड लाइन के अनुसार जब शीला बाई के परिजनों को उनकी शिनाख्त करने के लिए बुलाया गया तो परिजनों ने नफीसा बी की देह को शीला बाई समझते हुए उनका अंतिम संस्कार कर दिया। तदुपरांत जब नफीसा बी के परिजनों को उनकी देह की शिनाख्त के लिए बुलाया तो उन्होंने बताया कि यह उनकी देह नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम की जांच करने पर इससे संबंधित 2 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है एवं एक जांच कमेटी बनाते हुए पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए गए हैं।

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