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सभी अस्पतालों की फायर और लिफ्ट सेफ्टी आडिट 7 दिन में करायें

सभी अस्पतालों की फायर और लिफ्ट सेफ्टी आडिट 7 दिन में करायें

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने दिये अधिकारियों को निर्देश


[ लोकमत चक्र डॉट कॉम ]

भोपाल : नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि कोविड-19 के वर्तमान संक्रमण के परिप्रेक्ष्य में शासकीय एवं निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके कारण बिजली खपत का लोड भी बढ़ा होगा। वर्तमान परिस्थिति में अग्नि और लिफ्ट सुरक्षा का महत्व और बढ़ जाता है। इस दृष्टि से म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-87 (5) के परिप्रेक्ष्य में सभी शासकीय व निजी अस्पतालों की फायर ऑडिट और लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट 7 दिन में करवाकर रिपोर्ट भेजें। उन्होंने कहा है कि फायर और लिफ्ट सेफ्टी ऑडिट में जो भी कमियाँ पाई जांए, उसके बारे में संबंधित अस्पताल संचालक को लिखित में पूर्ति के लिये भी सूचित करें। इस संबंध में जरूरी निर्देश पूर्व में जारी किये जा चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि "अस्पताल एवं नर्सिंग होम्स" नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के भाग-04 अनुसार " इन्स्टीटयूशनल बिल्डिंग्स" की श्रेणी अंतर्गत आते हैं, और इन अस्पताल एवं नर्सिंग होम्स में फायर सेफ्टी मेजर्स के प्रावधान यथा टाईप, हाईट और एरिया नियमानुसार प्रावधानित किये जाते हैं। उदाहरणस्वरूप 15 मी. से कम हाईट एवं 1000 वर्ग मी. से कम क्षेत्रफल वाले अस्पताल एवं नर्सिंगहोम के लिए फायर एक्सटींग्यूशर एवं 5000 ली. पानी की क्षमता का टेरेस टैंक स्थापित किया जाना आवश्यक है। इसी प्रकार अन्य श्रेणी हेतु भी स्पष्ट प्रावधान किये गये हैं।

सक्षम प्राधिकारियों द्वारा फायर इंजीनियर और इंजीनियर निर्माता कम्पनी का रजिस्ट्रेशन कराया जाना है। यदि किसी निकाय में फायर इंजीनियर / लिफ्ट इंजीनियर का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है तो संबंधित नगरीय निकाय में पदस्थ योग्यताधारी सक्षम फायर अधिकारी अथवा ई-नगर पालिका पोर्टल www.mpenagarpalika.gov.in पर दर्ज 17 फायर कंसल्टेन्टों की सूची में से किसी भी फायर इंजीनियर से फायर ऑडिट का कार्य कराने के साथ-साथ निकाय के इलेक्ट्रीकल इंजीनियर व संबंधित क्षेत्र के भवन अधिकारी का भी दल गठित कर नियम-83(7) के परिप्रेक्ष्य में लिफ्ट ऑडिट का कार्य 7 दिन के अन्दर कराया जाए। अर्थात दिनांक 17 मई 2021 तक ऑडिट पूर्ण कर पालन प्रतिवेदन ई-मेल आई.डी. ranbir@mpurban.gov.in पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें।

संभागीय संयुक्त संचालक अपने संभाग के निकायों में इन निर्देशों के पालन की सतत मानिटरींग कर पूर्ति सुनिश्चित करें और निर्धारित प्रपत्र में संभागवार पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इस संबंध में किसी प्रकार की तकनीकी सलाह चाहिए हो तो श्री एल.एस. बघेल परियोजना  प्रबंधक (मोबाईल नं. 9425015429) से संपर्क करें। अंकेक्षण में पाई गई कमीयों को समय-सीमा में दूर करने की लिखित सूचना अस्पताल संचालको को दी जाए। इसका पालन प्रतिवेदन भी समय-सीमा में लिया जाए। 

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