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चिकित्सक की लिखी दवाएं बाजार में नहीं मिल रही हैं तो परेशान न हों, केमिस्ट से उन दवाओं के विकल्प मांगे

चिकित्सक की लिखी दवाएं बाजार में नहीं मिल रही हैं तो परेशान न हों, केमिस्ट से उन दवाओं के विकल्प मांगे

कोविड के लक्षण वाले मरीजों को यदि चिकित्सक की लिखी दवाएं बाजार में नहीं मिल रही हैं तो परेशान न हों। केमिस्ट से उन दवाओं के विकल्प मांगे।  कोविड से बचाव के लिए जरूरी दवाएं और उनके विकल्प बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। केवल कुछ ब्रांड्स की मांग अधिक होने के कारण उनकी कमी है, दवाओं की नहीं है। ब्रांड के पीछे भागने की जरूरत नहीं है।

कोविड लक्षण वाले मरीजों की अधिकता देखते हुए प्रदेश के कुछ बड़े चिकित्सकों ने एक नुस्खा सोशल मीडिया पर वायरल किया है। इस नुस्खे के अनुसार मरीज को फैबीफ्लू-200, आइवरमेक्टिन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, डोलो 650, लिम्सी 500, जिंकोविट, डी3 या कैल्सीफैरॉल सैशे का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। गोरखपुर शहर के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अखिलेश सिंह का कहना है कि ब्रांड नेम के पीछे भागने की जरूरत नहीं है। अलग-अलग ब्रांड की दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं। सब फायदा करती हैं। जेनरिक दवाएं भी उपलब्ध हैं। एक ब्रांड की दवा लेने से दिक्कत बढ़ती है। दवाओं की उपलब्धता कम हो जाती है। 

मरीजों को दी जाने वाली दवाएं और उनके प्रमुख विकल्प-

एजिथ्रोमाइसिन- यह दवा बाजार में एजी, एजीसिप एजोपेट 500, एजेक्स, मोजिल, आजाद, एजिलैब, जीथ्रोम आदि नाम से मौजूद हैं। इनमें से कोई भी गोली इस्तेमाल की जा सकती है।

डोलो 650- इसका फार्मूला पैरासिटामॉल 650 एमजी है। यह बाजार में कॉलपोल, क्रोसिन, पैसिमोल, पीयूसी, पैराग्रेट, एक्सटी पैरा, पायराकेम, वेलसेट आदि नामों से आती है। बाजार में इस दवा के 511 विकल्प मौजूद हैं।

जिंकोविट- इसका फार्मूला विटामिन बीकॉंम्प्लेक्स और जिंक है। बाजार में इसके विकल्प के रूप में जिंकोनिया, एटूजेड, सुप्राडाइन, बीको जिंक जी, एटूजे गोल्ड, जिंकोलैक, बीकॉसूल जेड, कोबाडेक्स जेड आदि विकल्प मौजूद हैं।

लिम्सी 500- यह विटामिन सी की गोली है। बाजार में यह सिलिन 500, बीटाक्योर सी प्लस, आदि नामों से उपलब्ध हैं।

कैल्सीरॉल- यह विटामिन डी3 है। बाजार में इसके विकल्प के रूप में डी3, अपराइज डी, टायो 60, डी राइज 60, आर्किटाल नैनो लिक्विड, विटानोवा डी3 आदि मौजूद हैं।

डॉक्सी 100- इसका फॉर्मूला डॉक्सी साइक्लिन है। यह बाजार में डॉक्सी1 एल, डॉक्स्ट एसएल, माइक्रोडॉक्स, डॉक्सीपाल, रेवीडॉक्स एलबी, डॉक्सी श्योर, लेंटेक्लिन एलबी, रेस्पीलेक्स, बायोडेक्सी एली सहित 46 वैकल्पिक नाम से मौजूद है।

आइवरमेक्टिन- बाजार में इस दवा के 59 विकल्प मौजूद हैं। इनमें प्रमुख आइवरट्रीट, स्कैविस्टा, वरमैक्ट, आइवेल, आइवरकेम, मेक्टिन, नेक्टोल आदि हैं।

फेबीफ्लू- इसका फॉर्मूला फेवीपिराविर है। बाजार में यह दवा, फ़्लू गार्ड, आराफ्लू, फेवीगेनो,  सिप्लेंजा, कोविहाल्ट, सिपविर, फॉयविर, फेवेंजा आदि नाम से उपलब्ध है। इस दवा के बाजार में 15 विकल्प मौजूद हैं।

नोट - यह जानकारी आपकी सुविधा के लिए प्रस्तुत है, दवाई बदलने की स्थिति में अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

🙏 स्वस्थ्य रहें। सुरक्षित रहें। 🙏

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