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रिटेल व्यापार के लिए बने आचार संहिता, प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली बिल फिक्स सरचार्ज हो माफ़ : व्यापारिक संगठन

रिटेल व्यापार के लिए बने आचार संहिता, प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली बिल फिक्स सरचार्ज हो माफ़ : व्यापारिक संगठन

व्यापारिक संगठनों ने राज्य सरकार से आर्थिक हालातों में सुधार के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

(लोकमत चक्र डॉट कॉम)

भोपाल : करीब 2 माह के कोरोना कर्फ्यू के बाद अब प्रदेश के एमएसएमई संघ और अन्य व्यापारिक संगठनों ने राज्य सरकार से आर्थिक हालातों में सुधार के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें दिसम्बर 2021 तक व्यापार के लिए अलग आचार संहिता की मांग करने के साथ सरकार की ओर से छोटे उद्योगों को पिछले साल दी गई रियायत पर अमल का वादा याद दिलाया गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान से नगर निगम, नगर पालिका, बिजली और श्रम से जुड़े मसलों पर राहत देने के साथ वैक्सिनेशन के लिए भी सहयोग मांगा गया है।

मध्य प्रदेश लघु उद्योग संघ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले साल कोरोना काल में एमएसएमई उद्योगों को संरक्षण प्रदान करने का काम किया गया था और 50 श्रमिकों तक फैक्ट्री लाइसेंस के पंजीयन से छूट दी गई थी। इसके लिए अध्यादेश जारी किया गया था और विधानसभा में एक्ट बनाने की बात की कही गई थी किंतु ऐसा नहीं किया गया और मुख्यमंत्री की घोषणा छह माह बाद निरर्थक हो गई। संघ ने कहा है कि कोरोना काल के दौरान पिछले साल मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह उद्योगों से संपत्ति कर और साधारण शुल्क दोनों में से एक ही आरोपित किया जाएगा। इसको लेकर प्रमुख सचिव नगरीय विकास द्वारा निर्देश भी जारी किए गए थे लेकिन इस घोषणा पर भी कोई अमल नहीं हुआ है।

संघ के महासचिव विपिन कुमार जैन ने कहा कि फैक्ट्री के लाइसेंस के नवीनीकरण के माध्यम से सरकार को उद्योगों से मात्र 5 करोड़ रुपए वार्षिक राजस्व की प्राप्ति होती है। इससे मुक्ति देने पर हजारों सूक्ष्म लघु उद्योग मुक्त हो जाएंगे और इसका फायदा सभी को मिलेगा। इसलिए सरकार से इस मामले में भी राहत देने की मांग की गई है। एमएसएमई संघ द्वारा कारखानों के पंजीयन एवं नवीनीकरण को लेकर भी सरकार से राहत की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि पिछले साल अध्यादेश लाकर इस संबंध में राहत देने की बात कही गई थी लेकिन बाद में स्थगित कर दिया गया।

आपदा प्रबंधन कमेटी में शामिल हों कैट के प्रतिनिधि

 उधर कैट ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि हर जिले में कलेक्टर को निर्देश दें कि आपदा प्रबंधन समितियों में कैट के प्रतिनिधियों को शामिल करें और उनके सुझावों पर उपयोगिता की आधार पर कार्यवाही करें। कैट ने कहा है कि 18 से 44 साल के लोगों को अगर वैक्सिनेशन में दिक्कत हो तो वे भुगतान कर भी वैक्सीन लगवाने को तैयार हैं। कैट ने व्यापारियों को फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देने खासतौर पर दवा व्यवसाय और पेट्रोल पंप से जुड़े व्यापारियों को फ्रंट लाइन वर्कर मानने के लिए कहा है।

 कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष राज्य स्तरीय वर्चुअल सेमिनार के माध्यम से यह मांग रखी है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के आर्थिक विकास में सहयोग देने वाले उद्योग जगत को राहत दी जाए। व्यापार जगत के लोगों का प्राथमिकता के आधार पर निशुल्क वैक्सिनेशन कराया जाए। सेमिनार में सब ने तय किया कि मौजूदा हालत में व्यापार के लिए आचार संहिता बदलनी होगी। विशेषकर रिटेल व्यापार के लिए प्रदेश स्तर पर एक आचार संहिता बने जिसके  माध्यम से दिसंबर माह तक प्रदेश के उद्योगपति बाजारों को खोलकर आर्थिक गतिविधियों का संचालन कर सकें। कैट ने यह भी कहा कि व्यापारियों को बिजली के बिल का फिक्स चार्ज माफ किया जाए। रीडिंग के आधार पर बिल दिया जाए। नगर निगम की दुकानों का किराया माफ किया जाए।

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