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धर्म अनुसार किया जा रहा शव का अंतिम संस्कार, बेटो का फर्ज निभा रहे नगर परिषद के कर्मचारी

धर्म अनुसार किया जा रहा शव का अंतिम संस्कार, बेटो का फर्ज निभा रहे नगर परिषद के कर्मचारी

विधायक निधि से मिले शव वाहन से मिल रही काफी मदद 


( लोकमत चक्र डॉट कॉम )

टिमरनी - अलग अलग धर्मो में मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार की अलग अलग पद्धतिया है लेकिन मोटे तौर पर सबसे ज्यादा प्रचलित तरीका शव को जलाना और दफनाना होता है । जब कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है, आदमी एक दूसरे से दुरी बनाये हुए सगा सम्बन्धी भी कोरोना से हुई मौत वाले शव के पास जाने में डर रहा है । कोरोना से लोगो को ऐसे भयभीत किया है की स्वजन भी अपनों की अंतिम विदाई में शामिल नहीं हो पा रहे है। कोविड सेंटर से लेकर अस्पतालों तक हाहाकार मचा हुआ है रोजाना जिले में ८-१० मौते  कोरोना से हो रही है ।संक्रमण के डर से  मृतकों को मेकाज से ही थर्मोकोल प्लास्टिक वेग में लपेटकर लाया जा रहा है । वही टिमरनी नगर में भी रोजाना ४से ५ मोते हो रही है । नगर परिषद् के कर्मियों द्वारा  इन शवों का अंतिम संस्कार करके एक अनूठा उदाहरण दिया जा रहा है । धर्म और जाती के साथ इंसानियत दिखाते हुए हिन्दू धर्म के कोरोना मरीज की मृत्यु होने पर उसका स्थानीय मुक्तिधाम में नगरपरिषद के कर्मचारियों द्वारा पीपी किट पहनकर  एक बेटे का फर्ज निभाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है । जब तक शरीर पूरी तरह जल ना जाए तब तक ये कर्मचारी वही पर रहते है ।

कब्रिस्तान में मुसलमान और मुक्तिधाम में हिन्दू कर्मचारी कर रहे शवों का अंतिम संस्कार

नगर में रोजाना कोरोना संक्रमित मोतो का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना से हुई मरीजों की मौतों जिसमे हिन्दू ओर मुस्लिम समाज सहित अन्य समाज के लोग थे । नगर परिषद् के सेनेटरी इंस्पेक्टर  एवं मुक्तिधाम/कब्रिस्तान  प्रभारी विजय दुबे ने बताया की कब्रिस्तान में मुस्लिम समाज में कोरोना से हुई मौत बाले शवों को नगर परिषद् के कर्मचारी अब्दुल और सलमान पीपी किट पहनकर शवों को दफनाने का काम संभाल रहे है । वही मुक्तिधाम में अनिल और दिलीप हिन्दू संस्कृति से कोरोना से हुई मौत बाले शवों का अंतिम संस्कार कर रहे है ।

विधायक निधि से मिले शव वाहन से मिल रही काफी मदद 

नगर परिषद् के मुख्यनगरपालिका अधिकारी राहुल शर्मा ने बताया की पिछले दिनों विधायक संजय शाह ने अपनी  निधि से  १४ लाख रुपये का शव बाहन नगर परिषद् को सौपा था । आज वही वाहन बहुत मददगार साबित हो रहा है । रोजाना इस शव वाहन से ३ से ४ शव मुक्तिधाम ले जाए जा रहे है नहीं इन शवों को हाथ ठेले रिक्शे ऑटो में ले जाना पड़ता उसमे भी संक्रमण के चलते कोई भी बाहन रिस्क लेने में घबराता । लेकिन शव बाहन होने के कारन मृत व्यक्ति के परिजन बिना कोई शुल्क के अपने शवों का अंतिम संस्कार करवा रहे है ।

सक्षम व्यक्तियों के लिए शुल्क और अक्षम व्यक्तियों के लिए निशुल्क की जा रही है लकड़ी की व्यबस्था

नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से मरने बाले व्यक्तियों का अंतिम संस्कार स्थानीय मुक्तिधाम में ही किया जा रहा है। नपा परिषद के सीएमओ राहुल शर्मा ने बताया की यदि किसी सक्षम व्यक्ति के परिजन की कोरोना से  मृत्यु हुई है तो उसे दाह संस्कार में उपयोग हो रही लकडी और कंडे का भुगतान करना पड़ेगा तथा गरीब निसहाय व्यक्ति के परिजन की मृत्यु होने पर लकड़ी कंडे की व्यबस्था परिषद् द्वारा दी जा रही है ।

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