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गांव में अब कोरोना मरीजों के लिए बनेंगे भाप केंद्र, मध्यान्ह भोजन के कुकर, चूल्हे का होगा इस्तेमाल

गांव में अब कोरोना मरीजों के लिए बनेंगे भाप केंद्र, मध्यान्ह भोजन के कुकर, चूल्हे का होगा इस्तेमाल

भोपाल - गांवों में कोरोना संक्रमण बढ़ने की स्थिति को देखते हुए अब ज्यादा संक्रमित गांवों में भाप केंद्र खोले जाएंगे। भाप केंद्रों में मध्यान्ह भोजन में उपयोग आने वाले कुकर, गैस चूल्हे का उपयोग कर कोरोना संक्रमितों को भाप दिलाई जाएगी। इसके लिए राज्य शासन ने निर्देश जारी कर दिए हैं। जिलों में इस पर अमल भी शुरू हो गया है। 


मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम परिषद की ओर से कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को दिए निर्देश में कहा गया है कि ऐसा विशेष अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वालों को भाप देने से बचाव होता है। इसलिए जिन ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमित ज्यादा हैं, वहां के लोगों को भाप देने के लिए भाप केंद्र बनाए जाएं। इन भाप केंद्रों में मध्यान्ह भोजन में उपयोग किए जाने कुकर, बर्तन और गैस चूल्हे का इस्तेमाल किया जाए क्योंकि अभी मध्यान्ह भोजन का वितरण बंद है। भाप केंद्र में रसोईया या अन्य व्यक्ति की ड्यूटी लगाई जाए। गैस कनेक्शन और बर्तन जिस कमरे में रखें हों उससे अलग कमरे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भाप दिलाने की व्यवस्था कराई जाए। 

गैस सिलेंडर की रिफिलिंग पंचायत निधि से की जा सके। साथ ही यह भी कहा गया है कि एक कुकर से तीन लोगों को ही भाप दिलाने का काम किया जाए। भाप तीन मिनट तक दिलाई जाए। शासन से जारी इस आदेश के बाद जिलों में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों ने जनपद अधिकारियों को इस पर अमल के निर्देश जारी कर दिए हैं और गांवों में भाप केंद्र बनाए जाने की कार्यवाही शुरू हो गई है।

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