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सत्तू अमावस्या पर कोरोना का ग्रहण: कभी हजारों श्रद्धालु लगाते थे आस्था की डूबकी, आज घाट पड़े सुने

सत्तू अमावस्या पर कोरोना का ग्रहण: कभी हजारों श्रद्धालु लगाते थे आस्था की डूबकी, आज घाट पड़े सुने



नर्मदा नदी में स्नान पर प्रतिबंधित, तहसीलदार ने किया पटवारी ओर राजस्व निरीक्षक को घाट पर तैनात

[लोकमत चक्र डॉट कॉम] 

हंडिया -  आज वैशाख माह की अमावस्या है जिसे सत्तू अमावस्या भी कहा जाता है। आज सत्तू अमावस्या मंगलवार को देशभर में मनाई जा रही है। कोरोना संक्रमण की वजह से अमावस्या पर नर्मदा नदी में होने वाले स्नान पर प्रतिबंधित है। नगर के रिद्धनाथ घाट, नर्मदा मंदिर घाट सहित सभी नर्मदा घाट सुने पड़े है। लोगों ने अलसुबह से ही अपने-अपने घरों में नर्मदा जल से स्नान कर पूजन-पाठ की। इस अमावस्या पर सत्तू दान करने का महत्व है। लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण कम स्थानों पर सत्तू मिला। श्रद्धालु भी उतनी मात्रा में सत्तू का दान नहीं कर पाएं। जितनी हर वर्ष करते थे।

पिछले वर्ष भी सुने पढ़े रहे थे घाट

पिछले दो सालों से अमावस्या पर घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा दिखाई नहीं दे रहा। नर्मदा स्नान पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया गया है। जिससे इस वर्ष भी सभी नर्मदा घाट खाली पड़े है। तहसीलदार डॉ. अर्चना शर्मा ने घाटों पर राजस्व निरीक्षकों ओर पटवारियों को तैनात किया था ताकी कलेक्टर महोदय के आदेश का पालन हो सके। प्रशासन की सख्त ओर कोरोना के भय से नर्मदा स्नान पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम रही ओर जो श्रृद्धालु आये उन्हें प्रशासन ने समझा कर वापस भिजवा दिया। मुख्य घाटों पर प्रशासन की सख्त ओर प्रतिबंध के चलते कुछ श्रृद्धालुओं ने दूर दराज के घाटों पर चोरी छुपे नर्मदा स्नान किया।

अमावस्या पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु करते है नर्मदा स्नान -

हर साल सत्तू अमावस्या के अवसर करीब 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मां नर्मदा के पवित्र जल में आस्था की डूबकी लगाने आते है। इस दिन पूजन-पाठ, सत्तू का दान करने का महत्व होता है। वर्तमान में फैली महामारी के कारण स्नान पर प्रतिबंध लगाया गया है।

नगर के घाटों पर राजस्व अमला पटवारी, आर. आई. के साथ पुलिस व होमगार्ड के जवान भी तैनात थे। घाटों पर तैनात प्रशासनिक अमले द्वारा स्नान करने वालों को रोका गया इससे कुछ लोगों ने रोष जताया, किंतु समझाईश पर मान गये।

गौरतलब है कि सत्तू के बारे में यह कहावत प्रसिद्ध है, सत्तू मन मत्तू, चट घोला पट खाय...। सत्तू भारतीय फास्टफूड है। यह पाश्चात्य फास्टफूड की तुलना में ज्यादा पौष्टिक और निरापद है। गेहूँ, चने और जौ के मिश्रण से इसे बनाया जाता है। थोड़ा जीरा भी मिला दो तो स्वाद और निखर आता है।

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