विचार : मेरा अहसान मानो
विचार : मेरा अहसान मानो
लेखक - डॉ आशीष अग्रवाल
विश्व की दूसरी सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश भयंकर महामारी से लगातार लड़ रहा है अदृश्य वायरस से लड़ना इंसान अकेले के बस में तो नहीं है लेकिन कोई अदृश्य शक्ति ही है जो हम सबको बचा रही है।
उस अदृश्य शक्ति की ताकत का अहसान ना मानकर, इंसान अपने ही स्वार्थ सिद्ध करने में लगा है। कुछ अहसानफरामोश इंसान अपनी इम्युनिटी पर घमंड भी कर रहा है, वही दूसरी ओर कुछ इंसान इसे लाभ का अवसर बनाने में सफल भी हुए है, लेकिन वो ये भूल गए है की ईश्वर सब देख रहा है उसका तो अहसान मानो।
देश की हालात कुछ ऐसे ही है श्रय लेने की होड़ में विवाद कैसे बढ़ता है देखिए --
- सासु माँ बोली आज दाल अच्छी बनी है
- ससुर जी बोले नहीं सब्जी अच्छी बनाई है
- ननद बोली मैंने बताया था ऐसे बनाओ - मेरा अहसान मानो
- बहु बोली लेकिन बनाया तो मैंने है - मेरा अहसान मानो
- बेटा बोला पर किराना सब्जी लाया तो मैं था - मेरा अहसान मानो
- दुकानदार बोला लेकिन बेचा तो मैंने था - मेरा अहसान मानो
- किसान बोला अरे भाई उगाया तो मैंने था - मेरा अहसान मानो
- बीज खाद वाला बोला पर उच्च क़्वालिटी वाले बीज ओर खाद तो मैंने दिए थे - मेरा अहसान मानो
- ट्रेक्टर बोला पर खेत तो मैंने जोते थे - मेरा अहसान मानो
- पंडित बोला ट्रैक्टर खरीदने का महूर्त तो मैंने बताया था - मेरा अहसान मानो
- बैंक बोला ट्रेक्टर ओर खाद के लिए ऋण तो मैंने दिया था -
- मेरा अहसान मानो
- कर्मचारी बोला पानी की नहर का दरवाजा तो मैंने खोला था - मेरा अहसान मानो
- कलेक्टर बोला नहर खोलने का आर्डर तो मैंने दिया था - मेरा अहसान मानो
- शिक्षक बोला की तुझे पढ़ाया लिखाया अधिकारी तो मैन बनाया था......मेरा अहसान मानो
ईश्वर बोला की मुझे पता था की ये दिन आएगा इसलिए मैंने इस सृष्टि ओर प्रकृति को अपने हाथ में रखा था, क्योंकि मुझे पता था तुम इंसान केवल खुदगर्ज ओर अहसानफरामोश ही रहोगे ओर कभी मेरा अहसान नही मानोगे।
यहां हम आपसी विवाद में उस ईश्वर को भूल गए जिसने इस सृष्टि को बनाया ओर हमें कर्म करने की शक्ति ओर ज्ञान दिया।
ईश्वर का बारम्बार धन्यवाद करना चाहिए ओर अहसान मानना चाहिए..... अभी भी समय है सुधर जाओ अपने द्वारा इस धरती पर किये गए अत्याचार, दोहन ओर शोषण के लिए माफी मांग लो ओर ईश्वर का सदैव अहसान मानो ।।
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