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व्यापारियों का दर्द क्यों नहीं समझ रही है सरकार, क्या कोई व्यापारी आत्महत्या कर लेगा फिर जागेगा प्रशासन❓

व्यापारियों का दर्द क्यों नहीं समझ रही है सरकार, क्या कोई व्यापारी आत्महत्या कर लेगा फिर जागेगा प्रशासन❓

कपड़ा व्यापारी प्रशासन के रवैये से निराश, दुकानों पर लगाई काली पट्टी

भोपाल में कपड़ा, बर्तन, सराफा, रेडीमेड, फुटवियर, जनरल स्टोर आदि को कोरोना कर्फ़्यू से छूट नहीं

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार कपड़ा, बर्तन, सराफा, रेडीमेड, फुटवियर, जनरल स्टोर आदि को कोरोना कर्फ़्यू से छूट नहीं दी गई है। जबकि  व्यापारियों को उम्मीद थी कि छूट मिलेगी पिछले डेढ़ माह से अधिक से कारोबार बंद है। व्यापारी के ऊपर आर्थिक संकट खड़ा हो गया जो अब धीरे-धीरे गंभीर रूप लेता जा रहा है हुजूर विधायक प्रत्याशी नरेश ज्ञानचंदानी ने कहा है कि सभी व्यापारियों को राहत मिलना चाहिए। व्यापारी गाइडलाइन का पालन करने को तैयार हैं सप्ताह में में तीन-तीन दिन  सबको दुकान खोलने की अनुमति मिलना चाहिए क्योंकि अब बहुत देर हो चुकी है

◆ पूछा क्या किसी हादसे का इंतजार है...?

ज्ञानचंदानी ने कहा है कि व्यापारियों के सामने कई प्रकार के खर्चे हैं, घर का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है बिजली का बिल जमा करना हैं। आयकर की एडवांस टैक्स भरना है संपत्ति कर भरना है, बिजली का बिल भरना है। कर्मचारियों को वेतन देना है दुकान का किराया जमा करना है वह कहां से लाएंगे यदि दुकानें नही खुली तो भूखे मरने की कगार पर पहुंच जाएंगे। प्रशासन को ध्यान देना चाहिए क्या प्रशासन को किसी हादसे  या व्यापारी की आत्महत्या का इंतजार  है❓यही हाल रहा तो गए भूखे मरने की कगार पर पहुंच जाएंगे मुझे लगता है कि प्रशासन संवेदनशील है और सरकार की संवेदनशीलता भी खत्म हो चुकी है।भाजपा सरकार को व्यापारियों का दर्द है देखना चाहिए। राहत देना चाहिए। सलून भी खोलना चाहिए सैलून वाले भी गरीब हैं।

बैरागढ़ में जिला प्रशासन के रवैये से कपड़ा, बर्तन और सर्राफा व्यापारी नाराज हैं। प्रशासन के आदेश के विरोध में दुकानों पर काली पट्टियां लगा दी गई हैं। व्यापारियों ने दुकानें खोलने की अनुमति देने की मांग की है। 

कपड़ा व्यापारी संघ के सदस्य कमलेश छुगानी ने बताया कि सन्त हिरदाराम मार्केट के आसपास की दुकानों में विरोध स्वरूप काली पट्टियां लगा दी गई हैं। प्रशासन दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी दे रहा है। इससे व्यापारी भूखे मरने की कगार पर पहुंच गए हैं। कर्मचारियों को वेतन देना है, दुकानों का किराया भरना है, लेकिन प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी एवं पूज्य सिंधी पंचायत के महासचिव माधु चांदवानी ने भी कपड़ा बर्तन, सराफा, फुटवियर की दुकानें तत्काल खोलने की अनुमति देने की मांग की है।

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