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जूनियर डॉक्टर्स ने दिये सामूहिक इस्तीफे, सरकार ने गिनाईं पूरी हुई मांगें

जूनियर डॉक्टर्स ने दिये सामूहिक इस्तीफे, सरकार ने गिनाईं पूरी हुई मांगें

बढ़ा टकराव, सख्ती भी शुरू

भोपाल : सरकार और जूनियर डॉक्टर्स में टकराव बढ़ गया है। सरकार ने जहां अब तक पूरी की गई इनकी मांगों को गिनाया वहीं जूडा ने सरकार के खिलाफ सामूहिक इस्तीफे  दिए हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी ने 300 जूडा के रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं। हड़ताली डॉक्टरों पर कार्रवाई से पहले मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अंतिम विकल्प अभिभावकों को पत्र लिख बेटे/बेटी को समझाइश देने का फार्मूला अपनाया है। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ने ऐसी हड़ताली सतना जिले की जूनियर डॉक्टर के पिता को पत्र लिखा है।

सरकार ने जूनियर डॉक्टर्स की मांगों एवं उनका निराकरण को लेकर कहा है कि उनकी पहली मांग थी कि स्टाइपेंड में 24% बढ़ोत्तरी करके 55000 से बढ़ाकर 68200 एवं 57000 से बढ़ाकर 70680 एवं 59000 से बढ़ाकर 73160 कर दी जाए। शासन के द्वारा अन्य विभागों की तरह सी.पी.आई. अनुसार जूनियर डॉक्टर्स के स्टाइपेंड में 17% की वृद्धि मान्य की गई है।तर्कसांगिक कार्यवाही के विरुद्ध अपेक्षाओं से कहीं अधिक अपनी हठधर्मिता के कारण जूनियर डॉक्टर्स के द्वारा की गयी 24% की स्टाईपेंड में वृद्धि की मांग की पूर्ण रूप से अनुचित है। कोविड ड्यूटी करने के कारण अतिरिक्त पारितोषिक व वजीफे की मांग युद्ध के मध्य युद्धरत सैनिकों द्वारा किसी भी प्रकार की वित्तीय मांग किया जाने जैसा है। 
 
दूसरी मांग थी कि हर साल वार्षिक 6% की बढ़ोत्तरी भी हमारे बेसिक स्टाइपेंड पर दी जाएगी। सरकार ने कहा कि प्राइज इंडेक्स के तहत बढ़ोत्तरी दी जाएगी, जैसी शासन के अन्य विभाग को प्राप्त होती है। तीसरी मांग है कि पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बांड को कोविड की ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जो इस पर विचार करके अपना फैसला जल्द से जल्द सुनाएगा जिसमें जेडीए के प्रतिनिधि भी होंगे। सरकार ने कहा कि इस अनुचित मांग पर यदि शासन सहमत होता है तो ग्रामीण अंचल के गरीब व्यक्तियों को उच्च कोटि की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवा से वंचित होना होगा।  
 
चौथी मांग है कि कोविड ड्यूटी में काम कार्यरत हर जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजटेड सर्टिफिकेट मिलेगा जो आगे उसको सरकारी नौकरी में फायदा प्रदान करेगा। सरकार के अनुसार 3/05/2021 को भारत सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन्स अनुसार अल्पावधि के कोविड कार्य करने हेतु व्यक्तियो को आकर्षित करने के लिए दिशा निर्देश दिए गये थे। कोविड अथवा अन्य महामारी में सेवायें दिया जाना किसी भी शासकीय चिकित्सक समुदाय का मूल कर्त्तव्य है जिस हेतु अतिरिक्त पारितोषिक एवं वजीफे की मांग किया जाना उचित नहीं होगा। सरकार का कहना है कि अपने मूल कार्यो को करने के एवज में यदि समस्त विभाग अतिरिक्त सुविधा की मांग करें तो शासन कार्य कैसे कर पाएगा ? अन्य विभाग जो कोविड में अति आवष्यक सेवाओं में आते है उसमें किसी भी कर्मचारी/अधिकारी को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं दिया जा रहा है। 

पाँचवी मांग यह है कि समस्त जूनियर डॉक्टर जो कि कोविड में काम कर रहे हैं उनको और उनके परिवार के लिए अस्पताल में अलग से एक एरिया और बेड रिजर्व किया जाएगा एवं उनके उपचार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी उस समय मौजूद सारे उचित उपचार उनके लिए मुहैया फ्री ऑफ कॉस्ट कराया जाएगा। सरकार द्वारा चिकित्सकों के लिये 10% कोविड बिस्तर आरक्षित किये जाने का पत्र जारी किया जा चुका है। किन्तु उनके परिजनों को जन सामान्य की भांति सुविधा उपलब्ध है । 

जूडा की छठी मांग है कि जितने जूनियर डॉक्टर कोविड ड्यूटी में कार्यरत हैं उनका अधिक कार्यभार देखते हुए उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराई जाये। शासन ने कहा कि 
समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के स्वशासी समिति के अध्यक्ष, संभागायुक्त होते है जिनके अंतर्गत संभाग में सुरक्षा एवं कानून व्यवस्थाएँ संचालित होती है तथापि समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी स्थापित करने के निर्देश जारी किये जा चुके हैं।

*जूनियर डॉक्टर्स की मांगे एवं उनका निराकरण क्या है ?* 

*पहली मांग :-*  
 स्टाइपेंड में 24% बढ़ोत्तरी करके 55000 से बढ़ाकर 68200 एवं 57000 से बढ़ाकर 70680 एवं 59000 से बढ़ाकर 73160 कर दी जाएगी। 

निराकरणः- शासन के द्वारा अन्य विभागों की तरह सी.पी.आई. अनुसार जूनियर डॉक्टर्स के स्टाइपेंड में 17% की वृद्धि मान्य की गई है। तर्कसांगिक कार्यवाही के विरूद्ध अपेक्षाओं से कहीं अधिक अपनी हठधर्मिता के कारण जूनियर डॉक्टर्स के द्वारा की गयी 24% की स्टाईपेंड में वृद्धि की मांग की पूर्ण रूप से अनुचित है । कोविड ड्यूटी करने के कारण अतिरिक्त पारितोषिक व वजीफे की मांग युद्ध के मध्य युद्धरत सैनिकों द्वारा किसी भी प्रकार की वित्तीय मांग किया जाने जैसा है। 
 
*दूसरी मांग :-* हमें हर साल वार्षिक 6% की बढ़ोत्तरी भी हमारे बेसिक स्टाइपेंड पर दी जाएगी। 

निराकरणः- प्राइज इंडेक्स के तहत बढ़ोत्तरी दी जाएगी, जैसी शासन के अन्य विभाग को प्राप्त होती है। 

*तीसरी मांग :-*  पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बांड को कोविड की ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जो इस पर विचार करके अपना फैसला जल्द से जल्द सुनाएगा जिसमें जेडीए के प्रतिनिधि भी होंगे। 
निराकरणः- इस अनुचित मांग पर यदि शासन सहमत होता है तो ग्रामीण अंचल के गरीब व्यक्तियों को उच्च कोटि की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवा से वंचित होना होगा।  
 
*चौथी मांग :-* कोविड ड्यूटी में काम कार्यरत हर जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजटेड सर्टिफिकेट मिलेगा जो आगे उसको सरकारी नौकरी में फायदा प्रदान करेगा। 

निराकरणः- दिनांक 03/05/2021 को भारत सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन्स अनुसार अल्पावधि के कोविड कार्य करने हेतु व्यक्तियो को आकर्षित करने के लिए दिशा निर्देश दिए गये थे। कोविड अथवा अन्य महामारी में सेवायें दिया जाना किसी भी शासकीय चिकित्सक समुदाय का मूल कर्त्तव्य है जिस हेतु अतिरिक्त पारितोषिक एवं वजीफे की मांग किया जाना उचित नहीं होगा। आप ही सोचें अपने मूल कार्यो को करने के एवज में यदि समस्त विभाग अतिरिक्त सुविधा की मांग करें तो शासन कार्य कैसे कर पाएगा?  अन्य विभाग जो कोविड में अति आवष्यक सेवाओं में आते है उसमें किसी भी कर्मचारी/अधिकारी को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं दिया जा रहा है। 

*पाँचवी मांग :-*  समस्त जूनियर डॉक्टर जो कि कोविड में काम कर रहे हैं उनको और उनके परिवार के लिए अस्पताल में अलग से एक एरिया और बेड रिजर्व किया जाएगा एवं उनके उपचार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी उस समय मौजूद सारे उचित उपचार उनके लिए मुहैया फ्री ऑफ कॉस्ट कराया जाएगा। 

निराकरणः- चिकित्सकों के लिये 10% कोविड बिस्तर आरक्षित किये जाने का पत्र जारी किया जा चुका है। किन्तु उनके परिजनों को जन सामान्य की भांति सुविधा उपलब्ध है । 

*छठी मांग :-* जितने जूनियर डॉक्टर कोविड ड्यूटी में कार्यरत हैं उनका अधिक कार्यभार देखते हुए उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराई जायेगी। 

निराकरणः-समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के स्वशासी समिति के अध्यक्ष, संभागायुक्त होते है। जिनके अंतर्गत संभाग में सुरक्षा एवं कानून व्यवस्थाएँ संचालित होती है तथापि समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी स्थापित करने के निर्देश जारी किये जा चुके है।

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