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बारूद के विस्फोट से हुई 2 लोगो की मौत के मामले में फटाखा निर्माता ओर गोदाम मालिक को 10-10 साल का कारावास एवं अर्थदंड की सजा

बारूद के विस्फोट से हुई 2 लोगो की मौत के मामले में फटाखा निर्माता ओर गोदाम मालिक को 10-10 साल का कारावास एवं अर्थदंड की सजा


लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा - फटाखा व्यापारी के गोदाम में बारूद के विस्फोट से हुई दो युवकों की मौत के 7 साल पुराने वर्ष 2015 के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए विस्फोटक अधिनियम के तहत फटाखा निर्माता ओर गोदाम मालिक को 10-10 साल की सजा एवं 10-10 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

जिले के बारूद विस्फोट का चर्चित मामला जो वर्ष 2015 में मगरधा रोड पर स्थित खेत में बने पटाखा गोदाम में धमाका होने से दो युवकों की झुलसकर मौत हो गई थी उस प्रकरण में न्यायालय ने फैसला सुनाया है, मामला यह है कि वर्ष 2015 में सात साल पहले शहर के मगरधा रोड पर स्थित एक खेत में बने पटाखा गोदाम में धमाका होने से दो युवकों की झुलसकर मौत हो गई थी। बुधवार को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार दक्षणी ने इस मामले में सुनवाई करते हुए विस्फोटक अधिनियम के तहत पटाखा व्यापारी और गोदाम मालिक को 10-10 साल की सजा और दस-दस हजार रुपए का अर्थदंड अधिरोपित किया। 

शासन की तरफ से पैरवी करने वाले डीपीओ एआर रोहित ने बताया कि दिनेश पिता सत्यनारायण शर्मा निवासी गोलापुरा ने उनके मगरधा रोड किनारे स्थित खेत में बने गोदाम को पुरानी सब्जी मंडी निवासी पटाखा व्यापारी राजू उर्फ राजेश पिता नंदलाल अग्रवाल को किराए पर दिया था। जहां पर पटाखे बनाने एवं बारुद रखा जाता था। उन्होंने बताया कि 5 जुलाई 2015 की सुबह लगभग साढ़े 10 बजे इकबाल पिता शेख रज्जाक (35 वर्ष) बैरागढ़ निवासी और राकेश आत्माराम (28 वर्ष) निवासी मगरधा वाहन में से गोदाम में पटाखे के ड्रम रख रहे थे, तभी धमाका हो गया था। जिसमें दोनों युवक बुरी तरह से झुलस गए थे। दोनों युवकों को जिला अस्पताल से भोपाल रैफर किया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। 

पुलिस ने पटाखा व्यापारी राजू अग्रवाल और गोदाम मालिक दिनेश शर्मा के खिलाफ धारा 286, 308 एवं जि 4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तह प्रकरण दर्ज किया था। आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया था। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश दक्षणी ने इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए है पटाखा व्यापारी राजू और गोदाम मालिक दिनेश को दोषी पाते हुए उन्हें दस-दस पूर्णत का कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपियों को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतान किये जाने के भी आदेश दिए।


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