Breaking News

30 साल पूर्व पटवा शासन में बने दीनदयाल अन्त्योदय अधिनियम में बदलाव करेगी शिवराज सरकार

30 साल पूर्व पटवा शासन में बने दीनदयाल अन्त्योदय अधिनियम में बदलाव करेगी शिवराज सरकार

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : प्रदेश में दीनदयाल अन्त्योदय समितियों के गठन को मंजूरी देने से पहले राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में तीस साल पहले सुंदर लाल पटवा सरकार द्वारा बनाए गए दीनदयाल अन्त्योदय कार्यक्रम अधिनियम में बदलाव का विधेयक ला सकती है। इसके लिए राज्य सरकार के संबंधित विभागों के माध्यम से प्रस्ताव मंगाकर उस पर मंथन करने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंजूरी मिलते ही इस अधिनियम में मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर लागू किए जाने वाले कार्यक्रम शामिल किए जा सकते हैं और पूर्व में तय प्रावधानों में जिन नियमों की उपयोगिता नहीं है, उसे खत्म किया जा सकता है।


इस नियम में यह प्रावधान किया गया था कि राज्य, जिला, विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा। इसके डेढ़ माह बाद किए गए दीनदयाल अन्त्योदय कार्यक्रम का कार्यकाल तय करने खातिर संशोधन नियमों में यह व्यवस्था की गई थी कि हर जिला, विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तरीय समिति में महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए एक-एक पद आरक्षित रहेगा। इसके अलावा राज्य स्तरीय समिति में इन्हीं वर्गों के लिए पांच-पांच पद आरक्षित होंगे। इसमें समिति की बैठकों में शामिल होने के लिए जाने पर यात्रा भत्ता दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए महीने में कम से कम एक सम्मिलन की व्यवस्था भी तय है। 


तीस साल पहले ये नियम हुए थे लागू


पटवा सरकार के समय 8 अगस्त 1991 को लागू किए गए अधिनियम में जो व्यवस्थाएं तय की गई थीं, उसके मुताबिक इस अधिनियम के अंतर्गत एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम चलाए जाने और ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में रोजगार मूलक कार्यक्रम शुरू करने की व्यवस्था थी। साथ ही भूमिहीन, सीमांत, लघु कृषकों के लिए पशुपालन कार्यक्रम का ग्रामोद्योग के रूप में विकास, अजा-अजजा तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की खातिर सामाजिक वानिकी और बिगड़ने वनों का सुधार कार्यक्रम भी इसमें शामिल है। साथ ही अधिक्रमित वन भूमि का नियमानुसार व्यवस्थापन और उसका समग्र विकास, कुटीर उद्योग और ग्रामोद्योग के विकास कार्यक्रम, झुग्गी झोपड़ी वासियों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आवासहीन लोगों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराने और निराश्रितों की पेंशन का प्रावधान भी इसमें है। तीस साल पहले जो 16 सूत्रीय कार्यक्रम तय किए गए हैं, उसमें अजा-अजजा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए विशेष कल्याण कार्यक्रम, निरक्षरता निवारण कार्यक्रम और 6 से 14 साल के बच्चों के लिए अनिवार्य और निशुल्क प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम, हर गांव में शुद्ध पेयजल और विद्युतीकरण व्यवस्था उपलब्ध कराने का कार्यक्रम, जीवन धारा और लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रम तथा महिला व बाल विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच मार्गों के निर्माण कार्यक्रम तय किए गए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं