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नहीं बढ़ेगी ट्यूशन फीस, स्कूलों ने बढ़ाकर वसूली राशि तो अगली किस्त में करना होगा राशि का समायोजन

नहीं बढ़ेगी ट्यूशन फीस, स्कूलों ने बढ़ाकर वसूली राशि तो अगली किस्त में करना होगा राशि का समायोजन

स्कूल संचालकों ने करेंगे 12 जुलाई से सड़क पर उतर कर प्रदर्शन...

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : स्कूल शिक्षा विभाग में सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में ट्यूशन फीस के अलावा विद्यार्थियों से कोई अन्य फीस नहीं ली जा सकेगी। कोई भी विद्यालय इस साल ट्यूशन फीस नहीं बढ़ा सकेगा। विद्यालयों द्वारा पिछले साल लगी ट्यूशन फीस ही वसूली जा सकेगी। कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और संयुक्त संचालकों के माध्यम से इस आदेश का पालन करायेंगे। विभाग ने कहा है कि चालू शिक्षा सत्र में कोई भी विद्यालय फीस वृद्धि नहीं कर सकेगा। अगर किसी अशासकीय विद्यालय में फीस वृद्धि कर विद्यार्थी से राशि जमा करा ली गई है तो इस अतिरिक्त राशि का समायोजन अगली फीस में किया जायेगा। यह निर्देश सभी सीबीएसई, आईसीएसई, मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के स्कूल और गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में भी प्रभावी होंगे। गौरतलब है कि 5 जुलाई को क्राइसिस कमेटी ग्रुप्स के साथ बैठक के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने साफ तौर पर कहा था कि कोई भी विद्यालय फीस नहीं बढ़ा सकेगा और सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूल सकेगा। कलेक्टरों को इस आदेश का सख्ती से पालन कराना है ।

उधर गुरुवार को स्कूल संचालकों ने 12 जुलाई से सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने की बात कही। उन्होंने 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की परमिशन देने की मांग भी सरकार से की है। प्राइवेट स्कूलों की संस्था एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स मध्यप्रदेश ने ट्यूशन फीस लेने की घोषणा का आदेश जारी नहीं करने की मांग की थी लेकिन आदेश जारी कर दिया गया। संघ ने साथ ही अपनी 8 सूत्रीय मांगों के निराकरण करने की भी बात कही है। एसोसिएशन के अलावा प्रदेश के कई प्राइवेट स्कूलों से जुड़े संगठनों ने भी 12 जुलाई से स्कूल बंद करने की बात कही है। अब जब सरकार ने आदेश निकाल दिया है तो स्कूल संचालकों ने कह दिया कि अब 12 से कोई ऑनलाइन पढ़ाई नहीं होगी। हम स्कूल बंद कर रहे हैं।

एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट विनय राज मोदी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से प्रदेश के प्राइवेट स्कूल बंद हैं, लेकिन शिक्षक और स्टाफ को पूरा वेतन दिया जा रहा है। दूसरी ओर सरकार ऐसे फैसले ले रही हैं, जो व्यवहारिक नहीं है। ट्यूशन फीस लेने का निर्णय भी ठीक नहीं है। इसका आदेश जारी किया है तो स्कूल ही बंद कर देंगे। ऑनलाइन क्लॉसेस भी संचालित नहीं की जाएंगी।

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