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कोविड टीकाकरण : पटवारी आंदोलन पर, तहसीलदार ओर आर.आई. ने संभाला मोर्चा

कोविड टीकाकरण : पटवारी आंदोलन पर, तहसीलदार ओर आर.आई. ने संभाला मोर्चा

भू-अभिलेख के अतिरिक्त अन्य कार्य नहीं कर रहे है पटवारी

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा : अपने वेतनमान बड़ाने ओर गृह जिला स्थानांतरण संबंधित मांगों को लेकर विगत दो सप्ताह से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे पटवारियों द्वारा भू-अभिलेख विभाग के अतिरिक्त अन्य कार्यों का बहिष्कार कर दिया है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों के कोविड टीकाकरण केन्द्रों पर अव्यवस्था बन गई थी। जानकारी मिलने पर तहसीलदार डॉ. अर्चना शर्मा ने विभिन्न टीकाकरण केन्द्रों पर सुबह से ही पहुंच कर जायजा लिया ओर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाया । इस दौरान एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने भी हंडिया में बनाए गए टीकाकरण केन्द्रों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए।

तहसीलदार डॉ. अर्चना शर्मा ओर आर.आई. संतोष पथोरिया ने सुबह से ही हंडिया तहसील के अंतर्गत आने वाले टीकाकरण केन्द्रों का भ्रमण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए तथा समस्त जानकारी उन्हें मोबाइल पर उपलब्ध कराने के लिए उपस्थित कर्मचारियों को आदेशित किया। ग्राम कोटवारों को मुस्तैदी के साथ केन्द्रों पर ड्यूटी करने के लिए पाबंद करते हुए कहा कि टीकाकरण करवाने आये लोगों को परेशानी नहीं हो इसका ध्यान रखें ओर टोकन देकर नम्बर से टीकाकरण करवाये।


गौरतलब है कि सरकार की वादाखिलाफी से त्रस्त होकर अब मध्यप्रदेश के पटवारी भी आंदोलन को बाध्य हो गए है। पटवारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुमेर सिंह राजपूत  एवं सचिव सुनील शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया पटवारियों के वेतनमान को लेकर विगत 14 वर्षों से वादाखिलाफी कर रहे है जिसके चलते पटवारियों को फिर से आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा है। उन्होंने पटवारी आंदोलन के बारे में बताते हुए कहा कि हम चरणबद्ध आंदोलन कर रहे है। जिसमें हमारे द्वारा सभी शासकीय अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप का बहिष्कार कर दिया है और जिले के समस्त पटवारी व्हाट्सएप ग्रुप से लेफ्ट हो गए हैं अब हमारे द्वारा व्हाट्सएप पर अधिकारियों के कोई निर्देश नहीं माने जाएंगे।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आंदोलन के दूसरे चरण में समस्त पटवारियों द्वारा भू अभिलेख के अतिरिक्त अन्य समस्त कार्यों का बहिष्कार शुरू कर दिया है। जिसके चलते भू अभिलेख विभाग के अतिरिक्त अन्य किसी भी कार्य को नहीं किया जावेगा। श्री राजपूत ने कहा कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा पटवारियों के वर्ष 2007 में आयोजित सनावद सम्मेलन में घोषणा करते हुए पटवारियों के वेतनमान बढ़ाए जाने की घोषणा की थी इसके बाद रहे राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, कमल पटेल, रामपाल सिंह एवं गोविंद सिंह राजपूत द्वारा इस संबंध में नोटशीट भी चलाएं और समय-समय पर आश्वासन भी दिया किंतु सरकार द्वारा आज तक पटवारियों का वेतनमान नहीं बढ़ाया गया है । इसके चलते प्रदेश के पटवारी आंदोलन को मजबूर हुए हैं यदि 10 अगस्त तक सरकार द्वारा वेतनमान संबंधित आदेश जारी नहीं किए जाते हैं तो प्रदेश के समस्त पटवारी कलम बंद हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।

उल्लेखनीय है कि अपनी मांगों को लेकर पटवारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। राजधानी सहित प्रदेश के सभी पटवारी अधिकृत वाट्सअप ग्रुपों से लेफ्ट हो गए हैं। नाराज पटवारियों ने यह भी ऐलान कर दिया है कि वे अधिकारियों के आदेश और निर्देशों का पालन नहीं करेंगे। पटवारियों की हड़़ताल से प्रदेश के राजस्व विभाग का काम-काज ठप्प हो सकता है। जिससे न सिर्फ किसानों को बल्कि आम जनता की भी दिक्कतें बढ़ सकती है। जमीन के नाप-जोख, नामांतरण, पी. एम. सम्मान निधि, सी. एम. सम्मान निधि, फसल गिरदावरी, जाति प्रमाणपत्र, बीपीएल जांच, आपदा राहत, आयुष्मान कार्ड, कोविड टीकाकरण आदि सहित अन्य कार्य बंद हो गये है।

ये है मांग - 

आपको बता दें पटवारी अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर सरकार से नाराज हैं। पटवारी वेतन विसंगति, गृह जिला में पदस्थापान, नए पटवारियों के लिए सीपीसीटी की अनिवार्यता खत्म करने की मांग कर रहे हैं।

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