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श्रेयांश-प्रियांश अपहरण-हत्या कांड: मासूम बच्चों के हत्यारों को दोहरा आजीवन कारावास

श्रेयांश-प्रियांश अपहरण-हत्या कांड: मासूम बच्चों के हत्यारों को दोहरा आजीवन कारावास

भोपाल : सतना जिले के चित्रकूट में तेल कारोबारी के 6 साल के जुड़वा बेटों (श्रेयांश-प्रियांश) के अपहरण, फिरौती और हत्या के मामले में कोर्ट ने सोमवार को 5 आरोपियों को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक उम्र कैद की सजा पूरी होने पर दूसरी उम्र कैद शुरू होगी। सभी आरोपी दो से ढाई साल जेल में रह चुके हैं। ये 26 साल और जेल में रहेंगे। घटना के 887 दिन बाद कोर्ट ने 226 पन्नों में फैसला दिया है। 5 में से 3 को अपहरण और हत्या का दोषी माना जबकि 2 को अपहरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया।



चित्रकूट में 12 फरवरी 2019 को जुड़वां भाइयों का अपहरण हुआ था। पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को दोनों की लाश बरामद की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग की। इस मामले में कुल 6 आरोपी थे जिनमें से मुख्य आरोपी रामकेश यादव ने जेल में फांसी लगा ली थी। रामकेश श्रेयांश और प्रियांश दोनों भाइयों को घर ट्यूशन देता था। श्रेयांश-प्रियांश उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के रहने वाले थे। दोनों मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट वाले हिस्से में स्थित स्कूल में पढ़ते थे। इनका स्कूल बस से ही अपहरण कर लिया गया था। ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद सतना कोर्ट के सप्तम एडीजे प्रदीप कछवाह ने मामले में सुनवाई पूरी की। फरियादी के वकील रामरूप पटेल और रमेश पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने पद्मकान्त शुक्ला, राजू द्विवेदी और लकी तोमर को हत्या और अपहरण में दोषी पाया है। वहीं विक्रमजीत सिंह और पिंटा यादव को अपहरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है। अब पांचों को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई है।

यह है पूरा मामला
आरोपियों ने चित्रकूट के तेल कारोबारी बृजेश रावत के बेटे प्रियांश और श्रेयांश का अपहरण कर लिया था। एक करोड़ की फिरौती मांगी थी। रावत ने बेटों की खातिर 20 लाख रुपए आरोपियों को दे भी दिए थे, लेकिन हैवानों ने दोनों बेटों को मौत के घाट उतारकर यूपी के बांदा जिले में यमुना नदी में पत्थर बांधकर फेंक दिया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को दोनों मासूमों की डेड बॉडी यमुना नदी से बरामद की थी।

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