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थाने में FIR दर्ज तो कॉलेज में नहीं मिलेगा दाखिला, मंत्री के निर्देश-उच्च शिक्षा विभाग हटाये विवादित नियम

थाने में FIR दर्ज तो कॉलेज में नहीं मिलेगा दाखिला, मंत्री के निर्देश-उच्च शिक्षा विभाग हटाये विवादित नियम

भोपाल : उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेज में प्रवेश के लिये जारी आदेश की एक शर्त पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसमें कहा गया है कि अगर किसी छात्र के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है या उसके विरुद्ध थाने में अपराधिक मामले दर्ज हैं तो ऐसे छात्रों को विश्वविद्यालय और कॉलेजों में दाखिला नहीं मिलेगा। इससे छात्र नेताओं का भविष्य चौपट होने की संभावना जताते हुए इसका विरोध किया जा रहा है। ऐसे छात्रों का भविष्य कॉलेज के प्रिंसिपल की मर्जी पर छोड़ा गया है। इसकी सूचना मिलने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने विभाग के इस नियम को हटाने का निर्देश दिया है। 
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेश संबंधी नियमों में कंडिका 26 के अंतर्गत विशेष प्रकरण संबंधी प्रवेश हेतु पात्रता और अपात्रता के प्रावधान किए गए हैं। कंडिका 26.1 में कहा गया है कि किसी भी संकाय में स्नातक उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को (विधि संकाय को छोड़कर) अन्य संकायों के स्नातक पाठ्यक्रम में नियमित प्रवेश की पात्रता नहीं है। कंडिका 26.2 में किए गए प्रावधान में कहा गया है कि जिन आवेदकों के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण चल रहे हैं या चालान प्रस्तुत किया जा चुका है, परीक्षा में या पूर्व सत्र में विद्यार्थी/अधिकारी/ कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार/ मारपीट करने के गंभीर प्रमाणित आरोप हों या उन्हें चेतावनी के बाद भी सुधार परिलक्षित नहीं हो तो ऐसे विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए प्राचार्य कदापि अधिकृत नहीं हैं। इसके साथ ही कंडिका 26.3 में कहा गया है कि महाविद्यालय में तोड़फोड़ करने या महाविद्यालय की संपत्ति को नष्ट करने के प्रमाणित दोषी या रैगिंग का प्रमाणित आरोपियों को भी प्राचार्य प्रवेश देने के लिए अधिकृत नहीं है।

ABVP और अन्य छात्र संगठनों का विरोध

प्रवेश के इन प्रावधानों की जानकारी सामने आने के बाद एबीवीपी और अन्य छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया और कहा कि अपराधिक प्रवृत्ति वाले चुनाव जीतकर विधानसभा औऱ संसद तक पहुंच सकते हैं लेकिन छात्रों को दाख़िला नहीं मिलेगा, यह कैसी व्यवस्था है? गौरतलब है कि सितम्बर महीने से करीब 17 लाख छात्रों के दाखिला लेने की प्रक्रिया शुरू होनी है। छात्रों को शपथ पत्र पर लिखकर देना होगा कि किसी भी राज्य में  अपराधिक मामले दर्ज नहीं हैं।

मंत्री बोले, नियम हटाने दिए निर्देश

जानकारी के सामने आने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि वह भी इस बात से सहमत नहीं है कि सिर्फ केस दर्ज होने के आधार पर किसी भी विद्यार्थी को प्रवेश से वंचित किया जाए। उनके संज्ञान में एबीवीपी और अन्य संगठनों ने यह बात लाई है की ऐसी स्थिति में प्रवेश से छात्र नेता वंचित हो जाएंगे। इसे देखते हुए उन्होंने आयुक्त उच्च शिक्षा को निर्देश दिए हैं कि इस तरह के निर्देश/नियम प्रवेश नियमावली से हटाए जाएं और सभी को प्रवेश दिया जाए। मंत्री यादव ने कहा कि जिनके खिलाफ केस दर्ज होता है वह सजा घोषित होने के पहले सांसद, विधायक बन सकते हैं तो लोकतंत्र में छात्रों को प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता है।

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