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बिजली संकट का समाधान नहीं कर पा रहे MLA मंत्री, कमजोरी सुधारी तो बचेंगे पार्टी के फिसलते वोट-विश्नोई

बिजली संकट का समाधान नहीं कर पा रहे MLA मंत्री, कमजोरी सुधारी तो बचेंगे पार्टी के फिसलते वोट-विश्नोई

भोपाल : प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर 1 हफ्ते पूर्व मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा सवाल उठाने के बाद अब पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने इस मामले में सरकार को कटघरे में खड़ा किया है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ही इसके लिए जिम्मेदार बताया है। विश्नोई ने ट्वीट कर सार्वजनिक तौर पर कहा है कि शिवराज सरकार मेंटेनेंस के लिए नहीं दे रही है और खरीदे गए कोयले का भुगतान नहीं किया है। इससे बिजली संयंत्र बंद होने वाले हैं। विश्नोई ने कहा है कि बिजली समस्या का निराकरण प्रदेश के विधायक और सरकार के मंत्री नहीं कर पा रहे हैं।
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बिजली समस्या पर पत्र लिखकर उपभोक्ताओं की समस्याओं से वाकिफ कराया है। विश्नोई ने इसे ट्वीट के जरिए सीएम तक पहुंचाने का काम किया है। पूर्व मंत्री विश्नोई ने मुख्यमंत्री को संबोधित ट्वीट में कहा है कि प्रदेश का बिजली उपभोक्ता परेशान है। विशेष तौर पर ग्रामीण उपभोक्ता जिसे घरेलू और कृषि दोनों ही बिजली परेशान कर रही है। ट्रांसफार्मर बार-बार जल रहे हैं। बदलने में देरी हो रही है। विद्युत मंडल ने 2 साल से नए ट्रांसफार्मर खरीदे नहीं हैं। पुराने ट्रांसफार्मर ही सुधार-सुधार कर लगाये जा रहे हैं जो ज्यादा चलते नहीं है। सभी गांव में सर्विस लाइन पुरानी और खराब हो चुकी है।

विधायक और मंत्री नहीं कर पा रहे निराकरण, सरकार नहीं देती मेंटेनेंस राशि

विश्नोई ने कहा है कि प्रदेश के विधायक और सरकार के मंत्री बिजली की शिकायतों का निराकरण नहीं कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री यह भी ध्यान दें कि वर्षों से मध्य प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग विद्युत व्यवस्था के मेंटेनेंस के लिए जितनी राशि का प्रावधान करता है, आपकी सरकार ऊर्जा विभाग को मेंटेनेंस के लिए उतनी राशि देती नहीं है। इसलिए व्यवस्थाएं सुधरती नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिजली के बिलों से गरीब उपभोक्ता परेशान हैं मानसून की देरी से धान का रोपा प्रभावित हो रहा है। रात की बिजली रोपा किसी काम के नहीं है क्योंकि मजदूर रात में रोपा लगाने के लिए मिलते नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि जितने भी घंटे 10 दिन तक बिजली दे सकें, दिन में देने का कष्ट करें ताकि रोपा लगाने के लिए बिजली उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर हो या पावर ट्रांसफॉर्मर आवश्यकता के अनुसार उस क्षमता के नहीं लगाए जा रहे हैं जितनी जरूरत है। हकीकत यह है कि बिजली के जमीन छूते तार दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं और बिजली खंभे जमीन को प्रणाम कर रहे हैं। 

बन्द होने वाले हैं बिजली संयंत्र क्योंकि खरीदे कोयले का भुगतान नहीं किया 

विश्नोई ने सरकार को आईना दिखाते हुए कहा है कि कोयले से चलने वाले विद्युत संयंत्र बंद होने वाले हैं क्योंकि शिवराज सरकार ने कोयले का भुगतान नहीं किया है। ऐसे में फिर प्रदेश को महंगी बिजली खरीदना पड़ेगा और इसका भार उपभोक्ता पर पड़ेगा। विश्नोई ने कहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर इस समस्या से मुख्यमंत्री को अवगत कराया था लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसलिए अब सार्वजनिक तौर पर ऐसा करना पड़ा है।उन्होंने कहा कि इस कमजोरी को उजागर होने से शिवराज सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन अगर कमजोरी को सुधार लिया तो भाजपा के फिसलते वोट जरूर बच जाएंगे जिससे अंततः हमें और आपको दोनों को फायदा होगा।

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