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भयानक तबाही हुई है, 70 साल में ऐसी स्थिति नहीं देखी : मुख्यमंत्री

भयानक तबाही हुई है, 70 साल में ऐसी स्थिति नहीं देखी : मुख्यमंत्री

  • बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए जी जान से काम करें
  • राहत शिविरों के अलावा प्रभावित बस्तियों में भी भोजन, स्वच्छ पेयजल आदि की व्यवस्था करें
  • मुख्यमंत्री श्री चौहान ने देर रात बाढ़ राहत  के संबंध में बैठक में ली

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाढ़ से प्रदेश के कई क्षेत्रों में भयानक तबाही हुई  है। पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति नहीं देखी। श्योपुर शहर में 20-20 फिट पानी है। रतनगढ़ वाली माता पुल तथा सनकुआ पुल के ऊपर पानी जा रहा है। बड़ी संख्या में घर गिरे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कभी कभी ऐसा मौका आता है जब जी जान से काम करने की आवश्यकता होती है। इस समय वह मौका है। अपनी पूरी ताकत से सामाजिक संगठनों तथा सभी का पूरा सहयोग लेते हुए बाढ़ प्रभावितों के लिए कार्य करें।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राहत शिविरों के अलावा बाढ़ प्रभावित बस्तियों में भी भोजन स्वच्छ जल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। टूटे मकानों की मरम्मत, बिजली की आपूर्ति बहाल करना, टूटे फूलों को दुरुस्त कराना, संचार व्यवस्था को बहाल करना आदि कार्य युद्ध स्तर पर किए जाए। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ग्वालियर संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के उपरांत भोपाल लौटकर निवास पर देर रात वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह श्री राजेश राजौरा, डीजीपी होमगार्ड, प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी, जनसंपर्क आयुक्त श्री सुदाम खाडे आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ये निर्देश दिए 

 •  बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

 •  प्रभावित व्यक्तियों को भोजन व शुद्ध जल उपलब्ध कराएं।

 •  यह सुनिश्चित करें कि प्रभावित क्षेत्रों में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप ना हो।

 •  जिन व्यक्तियों के घर नष्ट हो गए हैं उन्हें आश्रय स्थल उपलब्ध कराएं, साथ ही घरों की मरम्मत में मदद की जाए।

 •  विद्युत आपूर्ति पुनः स्थापित की जाए।

 •  टूटे गए पुलों की मरम्मत की जाए तथा वैकल्पिक रास्ते तैयार किए जाएं।

 •  संचार सुविधा पुनर्स्थापित की जाएं।

 •  आवास,फसल और पशुओं की हानि का तुरंत सर्वे किया जाए।

 •  बाढ़ राहत राशि प्राप्त करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करें।

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