राहत सामग्री बांटने गए राजस्व अमले के साथ की ग्रामीणों ने मारपीट
राहत सामग्री बांटने गए राजस्व अमले के साथ की ग्रामीणों ने मारपीट
पटवारी ने मारपीट से प्रताड़ित होकर दिया अपना त्यागपत्र
लोकमतचक्र.कॉम।
ग्वालियर : ग्रामीण जनता का अमानवीय चेहरा आज फिर सामने आया जब बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री आटे की बोरियां बांटने गए राजस्व अमला जिसमें नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी शामिल थे के साथ ग्रामीणों ने अपात्र व्यक्तियों को भी आटे की बोरी देने का दबाव बनाया, जिस पर दल के द्वारा इंकार करने पर ग्रामीणों ने लूटने की धमकी दी ओर दल के साथ मारपीट की। इस घटना से दुखी होकर पटवारी द्वारा अपना त्यागपत्र एसडीएम को प्रस्तुत किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील के बाढ़ प्रभावित ग्राम पंचायत मोहनगढ़ में आज राजस्व विभाग का अमला आटे की बोरियां (कट्टीयां) वितरण करने गया था । उस समय अपात्र लोगों ने आटे के कट्टे मांगने को लेकर सर्वे दल पर दबाव बनाया और उन्हें आटे के कट्टे नहीं देने पर कट्टियां लूटने की धमकी दी जाने लगी। इस पर नायब तहसीलदार कमल सिंह कोली के कहने पर पटवारी विकास राठौर के द्वारा घटनाक्रम का वीडियो बनाया जा रहा था तभी ग्रामीणों ने राजस्व अमले के साथ मारपीट की। सर्वे दल में नायब तहसीलदार कमल सिंह कोली, राजस्व निरीक्षक सुरेश नागर, पटवारी विकास राठौर, कैप्टन शाक्य शामिल थे ।इन सभी के साथ ग्रामीणों ने अभद्रता करते हुए मारपीट की और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई।
उक्त मामले से दुखी होकर पटवारी विकास राठौर ने अनुविभागीय अधिकारी को अपना इस्तीफा पेश कर कहा कि वह इज्जत की जिंदगी जीना चाहता है और ऐसी घटिया हरकतों पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से वह व्यथित होकर अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे रहा है ताकि वह इज्जत के साथ अपनी जिंदगी जी सकें।
ज्ञात हो कि पटवारियों के द्वारा मानवीयता दिखाते हुए अपने आंदोलन के दौरान बाढ़ सर्वे का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा की गई या घटना अत्यंत ही निंदनीय है जब राजस्व विभाग का अमला आपदा के समय मानवीयता दिखाते हुए कार्य कर रहा है और दिन रात एक कर पीड़ित लोगों की सेवा कर रहा है ऐसे में ग्रामीणों द्वारा मारपीट करना सर्वथा निंदनीय है। प्रशासन को चाहिए कि प्रशासन की गरिमा बनी रहे इसके लिए वीडियो के आधार पर दोषी व्यक्तियों पर एफ आई आर दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही करें और उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाएं। इससे शासकीय कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी। घटनाक्रम के पश्चात पटवारी संघ द्वारा जिले के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में सर्वे कार्य करने से इंकार कर दिया है।
कोई टिप्पणी नहीं