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महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी के खिलाफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा, लगायें गंभीर आरोप

महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी के खिलाफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा, लगायें गंभीर आरोप

परियोजना अधिकारी पर प्रत्येक कार्यकर्ता से पांच ₹500 की रिश्वत लेने का लगाया आरोप 


भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा। महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि परियोजना अधिकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान कर रही हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि परियोजना अधिकारी सुषमा चौरसिया 3 सेक्टर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं से प्रतिमाह 5-5 सो रुपए लेती है, नहीं देने पर कार्यकर्ताओं को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। 

इस संबंध में भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले आज कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर दर्जनों की संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है। भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष जितेंद्र सोनी का कहना है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शासन की ओर से महज ₹10000 और सहायिकाओं को ₹5000 प्रतिमाह दिए जाते हैं। इस न्यूनतम राशि में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपना और अपने परिवार का किसी तरह भरण पोषण करती हैं। इसके बावजूद भी कोई अधिकारी इस तरह से प्रति माह अनावश्यक रूप से रिश्वत की मांग करता है तो यह घोर अन्याय है। श्री सोनी ने कहा कि इस संबंध में कृषि मंत्री कमल पटेल और जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट से भी चर्चा की गई है। मंत्री द्वय ने 15 दिन के भीतर इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाती है तो आंदोलन किया जाएगा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में हुआ लेन देन

कलेक्टर के नाम सौपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि परियोजना अधिकारी स्व सहायता समूह की महिलाए जिन्हें नाम मात्र की राशि दी जाती है उन्हें भी नहीं छोड़ती हैं। ज्ञापन में आरोप यहां तक लगाए गए की पिछले दिनों ग्रामीण क्षेत्र में दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की जो भर्ती की गई है उसमें भारी लेनदेन किया गया है।


उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

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