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आर्थिक तंगी से त्रस्त होकर इंजीनियर ने पत्नी के साथ खाया जहर, कटर से काटा बेटे-बेटी का गला

आर्थिक तंगी से त्रस्त होकर इंजीनियर ने पत्नी के साथ खाया जहर, कटर से काटा बेटे-बेटी का गला

राजधानी में लोमहर्षक वारदात ...

लोकमतचक्र.कॉम।

पुलिस को पूछताछ और सुसाइड नोट से पता चला है कि लॉकडाउन में बेरोजगार होने से इंजीनियर रवि ठाकरे का परिवार पूरी तरह बिखर गया था। दो साल से बच्चों की फीस और घर की किस्त नहीं भर पा रहे थे। रवि ठाकरे मूलत: बैतूल के सारणी के रहने वाले हैं। गोविंदपुरा में वह एक कंपनी में क्वालिटी इंजीनियर थे। 3 महीने पहले नौकरी छूट गई। रंजना का मायका महाराष्ट्र में वर्धा जिले के आर्वी में है। यहां रवि ठाकरे मिसरोद में किराए से रहते हैं। बेटा चिराग 11वीं और गुंजन 8वीं में कॉर्मल कॉन्वेंट में पढ़ते हैं। तंगी के कारण दो साल से स्कूल की फीस भी नहीं भर पाए।

जहर खाने के बाद सुबह 7 बजे रोते हुए इंजीनियर रवि की पत्नी रंजन पड़ोसी अजय अरोरा के घर पहुंची। यहां उन्होंने पड़ोसी अजय से कहा- मैंने और पति ने जहर खा लिया है। बेटे और बेटी का पति ने कटर से गला रेत दिया है। पति और बेटे चल बसे हैं। बेटी को बचा लो भैया…। यह सुनते ही अजय के हाथ-पांव फूल गए। वह तुरंत ही ठाकरे के घर की तरफ भागे। उन्होंने तुरंत पुलिस को कॉल किया। मौके पर पुलिस ने चारों को अस्पताल पहुंचाया। तब तक काफी देर हो चुकी थी। इंजीनियर और बेटे की मौत हो गई। अब रंजना और बेटी अस्पताल में जिंदगी के लिए जूझ रहे हैं।

पुलिस का कहना है कि रवि एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ही कहीं से टाइल्स कटर लेकर आया था। वहीं, फसलों में काम आने वाला आधा लीटर पॉइजन भी लेकर आए थे। पुलिस का मानना है कि इससे साफ है कि पूरी घटना प्री-प्लान थी। अजय ने बताया कि शुक्रवार को दिनभर घर का दरवाजा बंद करके रखा था। कोई भी बाहर नहीं निकला था। रंजना ब्यूटी पार्लर चलाती थी। काम बंद होने से वह भी 8 महीने से डिप्रेशन में थी। चिराग और गुंजन पढ़ाई कर रहे थे। इस कारण उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। यहां तक कि छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करने लगती थी। पत्थर भी फेंकने लगी थी। उसका इलाज भी चल रहा था। हालत खराब होने के कारण उसके मायके वाले घर ले गए थे, लेकिन वह 6 महीने पहले फिर से आ गई।
यह वायरल सुसाइड नोट इंजीनियर रवि द्वारा लिखा बताया जा रहा है जिसमें रंजन का भी नाम है।

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