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पटवारियों के कलमबंद आंदोलन पर सख्त हो सकती है सरकार...

Patwari Strike in MP : पटवारियों ने किया टीकाकरण अभियान का बहिष्कार, सरकार कर सकती है कार्रवाई

10 अगस्त से नहीं कर रहे हैं काम, लंबित मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग पर अड़े हैं पटवारी



लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल: प्रदेश भर में बुधवार से दो दिवसीय टीकाकरण महाभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस अहम अभियान में पहली बार पटवारियों ने शामिल होने से मना कर दिया है। ये पटवारी 10 अगस्त से काम नहीं कर रहे हैं। मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। सरकार इन्हें मनाने की कोशिशें कर चुकी है। पटवारी कोरोना नियंत्रण की कोशिशों में अहम हिस्‍सा रह चुके है। टीकाकरण अभियान में भी इनकी बड़ी भूमिका रही है। इन्हें केंद्र प्रभारी बनाया जाता था। हड़ताल के कारण बुधवार को शुरू हुए अभियान में इनके शामिल नही होने से असर पड़ना तय है। वहीं पहले से जाति प्रमाण पत्र, विभिन्न तरह के सर्वे और जमीन से जुड़े कामकाज प्रभावित है।

सूत्रों के मुताबिक नहीं मनाने वाले पटवारियों पर सरकार कार्रवाई कर सकती है। पटवारियों की मांग है कि उन्हें गृह जिलों में तबादला दिया जाए, वेतन बढ़ाया जाए, पदोन्नति दी जाए। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत व अन्य ने पटवारियों को मांगें पूरी करने का मौखिक आश्वासन भी दे दिया है, लेकिन पटवारी लिखित आश्वासन पर अड़े हुए हैं। अभी भी सरकार पटवारी संघ के प्रतिनिधियों को मनाने में जुटी हुई है। बुधवार शाम तक अधिकारियों के साथ प्रतिनिधियों की चर्चा होनी है। लेकिन फिलहाल बुधवार सुबह 11 बजे तक कोई हल नहीं निकला है। पटवारी काम पर नहीं लौटे थे

बता दें कि प्रदेश भर में पटवारियों के 19 हजार पद है। इनमें से 17 हजार पदों पर पटवारी सेवाएं दे रहे हैं। 2016 के बाद भर्ती पटवारियों ने गृह जिलों में तबादला मांगा है। जबकि पूर्व से सेवाएं दे रहे पटवारी वरिष्ठता प्राप्त कर चुके हैं। सैंकड़ों सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यह सिलसिला अभी भी जारी है। इस बीच समय-समय पर विभाग वरिष्ठ पदों पर नए सिरे से भर्ती कर लेते हैं। इस बात से वरिष्ठता प्राप्त पटवारी नाराज हैं। वहीं सरकार की तरफ से कभी भी सख्त कदम उठाए जाने के संकेत मिले हैं। शिवपुरी में तो कुछ पटवारियों को नोटिस जारी कर काम पर लौटने की हिदायत दे दी है। कहा है कि काम पर नहीं लौटे तो कार्रवाई की जाएगी। भोपाल कलेक्टर ने भी पटवारियों के प्रभार राजस्व निरीक्षकों को देने संबंधी तैयारी की है। ऐसे में पटवारियों पर पंचायत विभाग के कर्मचारियों की तरह गाज गिर सकती है।

गौरतलब है कि शासन ने 19 जुलाई से हड़ताल कर रहे पंचायत विभाग के कर्मचारियों पर बर्खास्तगी, निलंबन, एफआइआर दर्ज करने जैसी कार्रवाई की है। हड़ताल के संबंध में पटवारी संघ के संगठन मंत्री प्रदीप गौर का कहना है कि शासन उनकी मांगों को मान ले। यह भी बता दें कि कौन सी मांग वैधानिक नहीं है। जमीनी स्तर पर काम करने वाले पटवारियों को परेशान किया जा रहा है। वे खुद भी नहीं चाहते कि काम बंद करने जैसी स्थिति बने लेकिन बीते सालों से उन्हें काम बंद करने के लिए मजबूर किया है। पटवारियों ने कोरोना संक्रमण जैसे विकट हालात में भी अनवरत सेवाएं दी हैं।

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