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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकों की समस्याओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में दिया ज्ञापन

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकों की समस्याओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में दिया ज्ञापन

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा : आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की समस्याओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में आज ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम हरदा श्रुति अग्रवाल को दिया गया।


भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सोनी एवं  आगंनबाडी कार्यकर्ता संघ की जिलाध्यक्ष अर्चना गौर ने बताया कि अल्प वेतन में काम करने वाली आगंनबाडी सहायिकाओं की मांगें काफी समय से लंबित है, इसी को लेकर आज माननीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन दिया गया है। दोनों ने ज्ञापन के बारे में संयुक्त रूप से बताया कि आंगनवाड़ी में कार्यरत बहने शासन की विभिन्न योजनाओं को शासकीय कर्मचारियों के रूप में क्रियान्वित करती है, आम नागरिकों के हित में लायी गई शासन की अनेको महत्वाकांक्षी योजनाओं यथा- टीकाकरण, पल्स पोलियो की दवा पिलाना, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का पंजीकरण करना, मतदाता सूची का सर्वे कर नए या छुटे हुए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में शामिल करवाना तथा मृत हो गये मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में हटवाना, शासन के और भी अन्य काम जो समय-समय पर आंगनवाडी कर्मचारी को दिया जाता है किये जाते है । इसके साथ ही अपने विभाग के नियमित कार्य जैसे अपने आंगनवाड़ी केन्द्र को निरंतर संचालित करना, बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ पोषाहार देना, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को पोषाहार तथा आयरन की गोली वितरित करने जैसे अनेक कार्यों को हम आगनवाडी की बहन करती आ रही है, जबकि सरकारी, अर्द्धसरकारी या गैर सरकारी कर्मचारियों को काम का इतना बोझ नहीं दिया जाता है। कोविडकाल में भी हम आगनवाडी की बहने कोरोना से लड़ने के लिए प्रथम लाइन में खड़ी रहकर सरकारी अथवा अर्द्धसरकारी कर्मचारियों के कंधा से कंधा मिलाकर अपने जान की परवाह किए बगैर कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रही है। 

उन्होंने कहा कि एक तरफ महिलाओं के उत्थान एवं आत्मनिर्भर बनने के लिए एक से एक योजना ला रहे है लेकिन हम आंगनवाड़ी में कार्यरत बहनों को इन सभी योजनाओं से दरकिनार कर उपेक्षित किया जा रहा है। 

आगंनबाडी कार्यकताओं की प्रमुख मांगे है -

  • आगनवाड़ी में कार्यरत बहनों को सरकारी कर्मचारी घोषित कर सामाजिक सुरक्षा दी जाये तथा उन्हें उचित श्रेणी में शामिल किया जाये।
  • आंगनवाड़ी में कार्यरत कर्मचारी को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन आगनवाड़ी कार्यकर्ताों को 18000/
  • तथा को 9000/- -रु प्रतिमाह भुगतान किया जाये।
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत आगनवाड़ी केन्द्रों का प्री-प्राइमरी स्कूल में बदलने पर उसमें कार्यरत कार्यकर्ता को प्री-प्राइमरी टीचर एवं सहायिका को प्री-प्राइमरी अस्सिटेंट टीचर में शिक्षण के अनुभव पर उनकी
  • योग्यता अनुसार प्रशिक्षण देकर पदोन्नत किया जाये।
  • आंगनवाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए भविष्यनिधि, जीवन निर्वाह भत्ता, सेवावृित्त भत्ता, उनके एवं उन पर आश्रितों को चिकित्सा सुविधा उनके बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा लागू की जाये ।
  • आंगनवाडी कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारियों की तहत उर्जित अवकाश (ई.एल.), आकस्मिक अवकाश (सी.एल.), चिकित्सा अवकाश विभिन्न त्योहारों पर मिलने वाली छुटीयां को दिया जाये।
  • ज्ञापन सौंपते समय जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सोनी, अर्चना गौर, जिला मंत्री मुकेश निकुंम के साथ काफी संख्या में आगंनबाडी कार्यकर्ता ओर सहायिका उपस्थित थी।

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