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सरकार ने वापस लिए तीनों कृषि कानून : पीएम

सरकार ने वापस लिए तीनों कृषि कानून, पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा- अगले संसद सत्र में पूरी कर देंगे कानूनी प्रक्रिया

हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे है : PM

लोकमतचक्र.कॉम।

● केंद्र सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया

● नए कृषि कानूनों को लेकर किसान एक साल से ज्यादा वक्त से आंदोलनरत हैं

● प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलनकारियों से घर लौटने की अपील की है

नईदिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि वो किसी पर किसी प्रकार का दोष नहीं मढ़ेंगे। मोदी ने कहा कि शायद उनकी तपस्या में ही कमी रह गई होगी।


सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है। ऐसे में  पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संदेश में साफ कर दिया है कि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे है।

सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है। ऐसे में  पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संदेश में साफ कर दिया है कि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कानून वापस ले रहे हैं लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया।

उन्होंने आगे कहा- हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी।

'हमारी पहल से  कृषि उत्पादन में वृद्धि ही हुई'

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान इस बात पर जोर दिया कि कैसे सरकार की पहल से कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है। पीएम मोदी ने कहा, "हमने अपने ग्रामीण बाजारों को मजबूत किया है. छोटे किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं। किसानों के लिए बजट आवंटन पांच गुना बढ़ गया है। हमने सूक्ष्म सिंचाई के लिए भी धन दोगुना कर दिया है." हजारों किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं, 28 नवंबर, 2020 से दिल्ली के कई सीमावर्ती बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने और अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। ऐसे में हम उन्हें समझाने में असमर्थ रहे।

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