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श्री कृष्ण के साथ मटकी फोड़ ग्वालों ने खाया माखन

श्री कृष्ण के साथ मटकी फोड़ ग्वालों ने खाया माखन

शरीर का सार मन है इसलिए भगवान का नाम पड़ा मनमोहन : पं. कमलेश मुरारी


लोकमतचक्र.कॉम।

डोमनमऊ । ग्राम में कालीराणा परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाने के साथ ही मटकी फोड और गिरीराज का पूजन धूमधाम से किया गया। इस मौके पर भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला की झांकी प्रस्तुत की गई। जिसे देख कर श्रद्धालु भाव भिवोर हुए और झूमकर नाचे। प्रांगण में उत्सव का माहौल था। श्री कृष्ण के साथ ग्वालों ने मटकी फोड़ी और खुब जमकर माखन खाया। कथा में पूज्य कमलेश मुरारी जी ने श्रद्धालुओं को पूतना वध की कथा सुनाई। माखन चोरी लीला का वर्णन करते हुए महाराज जी ने बताया कि दूध का सार माखन है और शरीर का सार मन है। चूंकि भगवान सार ग्रहण करते हैं। इसलिए भगवान श्री कृष्ण का नाम मनमोहन पड़ा। 

भगवान का वध करने सज संवार कर आई पूतना

पूज्य महाराज जी ने श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए कहा कि पूतना भगवान का वध करने के लिए सज संवार कर आई। भगवान को मारने के लिए पूतना विष लगाकर आती है। भगवान सब जानते हैं। इसलिए भगवान ने पहले जहर पिया और फिर पूतना के प्राण खींच लिये। पूतना जोर से चिलाई मुझे छोड़ दो, भगवान कहते है एक तो में किसको पकड़ता नहीं हूं और पकड़ लू तो छोड़ता नहीं हूं। भगवान बहुत दयालु है, भगवान ने पूतना को यशोदा मैया के समान गति दी।

श्री कृष्ण ने इंद्र का मान किया भंग

भगवान श्री कृष्ण ने गिरीराज पर्वत उठाकर इंद्र का मान भंग किया। महाराज जी ने श्रद्धाुलुओं को कथा सुनाते हुए कहा कि गिरीराज पर्वत को भगवान श्री कृष्ण ने सात दिन तक अपने उंगली पर उठाए हुए थे। गिरीराज पर्वत की पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकमान पूरी होती है।

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