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फिर आन्दोलन का ऐलान किया बिजली कर्मचारियों ने, याद दिलाये आश्वासन

फिर आन्दोलन का ऐलान किया बिजली कर्मचारियों ने, याद दिलाये आश्वासन


लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने एक बार फिर आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। लंबित मांगों को लेकर राज्य शासन द्वारा आश्वासन के बाद कोई भी निराकरण नहीं  किए जाने के चलते आंदोलन का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सरकार को 1 माह का वक्त देने का निर्णय बिजली कर्मचारियों की बैठक में लिया गया है। इसके पहले महंगाई भत्ता और एरियर्स की राशि नहीं दिए जाने पर बिजली कर्मचारी अधिकारियों ने 1 नवंबर से आंदोलन पर जाने का निर्णय लिया था जिसके बाद सरकार ने उनकी मांगें मान ली थीं।

शनिवार को हुई बैठक में तय हुआ है कि 18 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे। इसमें कहा गया है कि बिजली कंपनियों का निजीकरण रोका जाए, विद्युत संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का संविलियन, वेतन विसंगति, गृह जिला ट्रांसफर नीति चालू हो। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। सरकार लगातार बिजली कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा कर रही है। एमपी यूनाइटेड फोरम के 52 जिलों के पदाधिकारी की बैठक के बाद यह सहमति बनी है।

बिजली कर्मियों की ये है मांग-

1. केंद्र सरकार वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिए प्रस्तावित विद्युत सुधार अधिनियम-21 लागू न करे।

2. सभी वर्गों के संविदा विद्युत कर्मियों को आंध्र और बिहार की तरह नियमिय किया जाए।

3. ठेका कर्मियों की सेवा सुरक्षित रखते हुए तेलंगाना/दिल्ली व हिमाचल प्रदेश की तरह भर्ती की जाए।

4. विद्युत कंपनी के सभी अधिकारी कर्मचारियों को फ्रंट लाइन कर्मचारियों की श्रेणी में रखकर मुख्यमंत्री कोविड-19 का लाभ दिया जाए।

5. रिटायर होने के बाद लंबित ग्रेच्युटी, जीपीएफ, अवकाश नकदीकरण,पेंशन आदि वर्षों से लंबित देय भुगतान तत्काल किया जाए।

6. विद्युत कंपनियों में वरिष्ठता और उच्च वेतनमान के आधार पर सभी वर्गों में रिक्त उच्च पदों के चालू प्रभार प्रदान किए जाएं और रिक्त पदों को भरा जाए।

7. मध्य प्रदेश शासन के नियमानुसार सभी प्रकार के मृत्यु प्रकरणों में विद्युत अधिकारी-कर्मचारयों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

8. राष्ट्रीय पेंशन योजना में शासकीय अंशदान वेतन और मंहगाई भत्ते का 14 प्रतिशत किया जाए।

9. नियामक आयोग के निर्देशानुसार 750 करोड़ रुपये की राशि पेंशन ट्रस्ट में जमा कर उत्तर प्रदेश शासन की तरह राज्य शासन पेंशन गारंटी लेकर पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से कराए।


10. सातवें वेतनमान की विसंगतियों का निराकरण किया जाए। इसमें वर्ष 2006 के पूर्व एवं बाद में नियुक्त अभियंताओं में वर्गीकरण किया गया है।

11 .ट्रांसमिशन कंपनी में नियुक्त आईटीआई की योग्यता रखने वाले परीक्षण सहायक को तृतीय श्रेणी में रखकर 2500 रुपये का ग्रेड-पे निर्धारित किया जाए।

12. वर्ष 2018 के बाद नियुक्त अधिकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी वेतन व्यवस्था लागू की जाए।

13. अनुभाग अधिकारी के ग्रेड पे को राज्य शासन के वित्त विभाग के आदेशा अनुसार 4400/ में संशोधित ग्रेड पे 4200/-से 4800/-के समान वृद्धि की जाए।

14. वेतनमान से संबंधित सभी वर्गों की विसंगतियों का निराकरण किया जाए। विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में मानव संसाधन से संबंधित नियमो में एक रूपता प्रदान की जाए।

15. कंपनी कैडर में कार्यरत सभी नियमित और संविदा कर्मचारियों को गृह जिले में पदस्थ करने की नीति लागू की जाए।

16. कंपनी कैडर के सभी नियमित और संविदा कर्मचारी-अधिकारियों को 50 प्रतिशत और सेवानिवृत कर्मचारी-अधिकारियों को बिजली बिल में 25 प्रतिशत छूट दी जाए।


17. केंद्र के द्वारा घोषित महंगाई भत्ते और 2 वर्षों से रोकी गई वेतन वृद्धि लागू कर बकाया राशि का भुगतान किया जाए।

18. सभी कंपनियों में संगठनात्मक संरचना पुनर्गठित कर ख़ली पदों को तत्काल भरा जाए।

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