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भारतीय डाकतार विभाग द्वारा जारी "विशेष आवरण एवं विरूपण मुहर" का हुआ अनावरण समारोह

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 50वें आचार्य पदारोहण दिवस पर भारतीय डाकतार विभाग द्वारा जारी "विशेष आवरण एवं विरूपण मुहर" का हुआ अनावरण समारोह


लोकमतचक्र.कॉम।

विदिशा : जैनाचार्य गुरूदेव विद्यासागर जी महाराज के पचासवे आचार्य पदारोहण दिवस 22 नवम्वर 2021को भारतीय डाकतार विभाग द्वारा विशेष आवरण (डाक लिफाफा) पांच रुपये मूल्य का जिस पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का चित्र अंकित है,आचार्य पदारोहण के पचासवे वर्ष पर जारी किया गया जिसका अनावरण समारोह मुख्य डाकघर विदिशा में आयोजित किया गया। 


इस अवसर पर शीतलधाम में  विराजमान मुनि श्री सौम्यसागर जी महाराज एवं मुनि श्री विनम्रसागर सागर जी महाराज,मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी महाराज सहित सभी मुनिराजों के आशीर्वाद से श्री दि. जैन शीतलविहार न्यास टृस्ट द्वारा संयोजित किया गया। प्रवक्ता अविनाश जैन ने वताया जैनाचार्य गुरूदेव श्री विद्यासागर जी महाराज के पचांसवे आचार्य पदारोहण दिवस के अवसर पर   भारतीय डाकतार विभाग द्वारा विशेष आवरण (डाक लिफाफा) पांच रुपये मूल्य का जिस पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चित्र के साथ जारी किया गया है, जिसका अनावरण समारोह मुख्य डाकघर विदिशा में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में डाकघर अधीक्षक ए.के.अरख ने आचार्य गुरूदेव श्री विद्यासागर जी महाराज के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये गुरूदेव द्वारा लिखित पुस्तक मूकमाटी का उल्लेख किया एवं "सागर वूंद समाये" की पक्तियां कहते हुये कहा कि आचार्य श्री ने निर्जीव माटी को जीवंत करते हुये कहा कि संस्कारों के माध्यम से समाज का उपेक्षित व्यक्ती भी अपने जीवन स्तर किस प्रकार से ऊपर उठा सकता है। इस अवसर पर न्यास के अध्यक्ष वसंत जैन ने आचार्य गुरुदेव के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला वंही अन्य वक्ताओं में ए.के जैन पूर्व एस.ई ने संचालित करते हुये कहा कि आचार्य गुरूदेव ने हमेशा भारतीय शिक्षा पद्धति और भारतीय भाषा को प्रोत्साहित किया है, इस अवसर पर प्रदेश व्यापारी संघ अध्यक्ष राजेश जैन,इंजिनियर चंद्रशेखर जैन तथा न्यास के पूर्व अध्यक्ष निरंजन पाटनी ने भी सम्वोधित किया। 

प्रवक्ता अविनाश जैन ने कहा कि आचार्य गुरूदेव ने प्रतिभास्थलीओं के माध्यम से एक और भारत की वेटिओं को शिक्षित करने का उपदेश दिया वंही शिक्षा का माध्यम हिंदी भाषा में रखकर भारतीय भाषा हिंदी को सर्वोच्च स्थान पर रखकर मात्र भाषा के प्रति अपने स्नेह को दर्शाया है,आचार्य श्री ने सरकारी स्तर पर हिन्दी भाषा को ही प्राथमिकता के साथ  व्यवहार में लाये जाने की बात कही है,वंही गुरूकुल की शिक्षा पद्धति पर जोर देते हुये धार्मिक शिक्षा और चरित्र निर्माण के साथ छात्र छात्राओं की शिक्षा प्रथक प्रथक दी जाने पर जोर दिया है।, आचार्य गुरुदेव चाहते है कि भारत का नाम अंग्रेजी में भी भारत ही लिखा जाऐ अर्थात इंडिया india के स्थान पर Bharat ही बोला एवं लिखा जाये, उन्होंने भारत सरकार को भी कहा है कि ऐसी नीति निर्धारित करे जिससे आज का युवा नौकरी के स्थान पर स्वरोजगार पैदा करे तथा लघुउद्योग एवं व्यापार की ओर आकृषित हो, आचार्य श्री ने उद्ववोधनों के माध्यम से चिकित्सा को व्यवसाय वनाने के स्थान पर सेवा के प्रकल्प से जोड़ने की ओर सभी का ध्यान आकृषित किया है। इसी कड़ी में 2021जवलपुर मध्यप्रदेश में पूर्णायु के माध्यम से 800 विस्तरों का आयुर्वैद चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र के साथ सर्व सुविधा युक्त चिकित्सा महाविद्यालय की नींव पूर्णायु के वर्तमान चातुर्मास के दौरान रख चुके है। आचार्य श्री ने जन जन को जीव दया का संदेश देते हुये भारत के प्रत्येक ग्राम में गौ शालाओं को खोलने की बात रखी एवं उन्ही की प्रेरणा से संपूर्ण भारत में जैन समाज के द्वारा तीन सौ से अधिक सर्व सुविधा युक्त गौ शालाओं का संरक्षण कर गौ वंश का संरक्षण किया जा रहा है।

इस अवसर पर डाकघर अधीक्षक ऐ.के अरख,एवं पोस्टमास्टर मनमोहन शर्मा का न्यास के पदाधिकारियों ने साल श्रीफल एवं तिलक लगाकर सम्मान किया। इस अवसर पर न्यास के अध्यक्ष वसंत जैन, महामंत्री सनत जैन मणीधर, विदिशा सकल दि.जैन समाज के अध्यक्ष शेलेन्द्र जैन वड़ू, न्यास के उपाध्यक्ष महेन्द्र वंट, महामंत्री सनत जैन मणीधर, संजयभंडारी, रविन्द्र जैन फर्नीचर, पदमसेठी, अभय जैन ने अतिथियों का मालार्पण कर स्वागत किया कार्यक्रम का संचालन पूर्व महामंत्री ए.के. जैन पूर्व एस.ई.ने किया।

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