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साइट नहीं चलने से हैरान परेशान पटवारी, प्रोग्रेस नहीं आने से बैचेन अधिकारी

साइट नहीं चलने से हैरान परेशान पटवारी, प्रोग्रेस नहीं आने से बैचेन अधिकारी

दिन में सर्वर का रोड़ा, पटवारियों को रात में करना पड़ रहा काम, वेब जीआईएस साफ्टवेयर ने बढ़ाई मुश्किल

सड़क दुर्घटना में दो महिला पटवारी हुई घायल, जिला अस्पताल में भर्ती

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : राजस्व विभाग द्वारा 30 नवम्बर तक चलाए जा रहे राजस्व अभिलेखों में शुद्धिकरण पखवाड़े में वेवजीआईएस सॉफ्टवेयर का सर्वर रोड़ा बन गया है। दिन भर बंद रहने वाला सॉफ्टवेयर रात में ही चलता है। ऐसे में पटवारियों की देर रात तक जग कर काम करना पड़ रहा है। बावजूद इसके तय समय सीमा में अभिलेखों के शुद्धिकरण का हो पाना संभव नजर नहीं आ रहा है। इधर, जिलों में पदस्थ कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार शुद्धिकरण कार्यवाही में तेजी लाने के लिए पटवारियों पर लगातार दबाव बना रहे हैं। इससे पटवारी नाराज हैं। पटवारी रात भर जाग कर रिकार्ड शुद्धिकरण का काम कर रहे है वहीं दिन भर तहसील में बैठक, किसानों ओर अन्य विभागीय कार्यों को कर रहे है। लगातार दिन रात काम करने के कारण पटवारी मानसिक तनाव, ब्लड प्रेशर सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित हो रहे है तथा दुर्घटना का शिकार भी हो रहे है।


पटवारियों के साथ सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे और बढ़ते ही जा रहे हैं। आज का मामला छतरपुर जिले के राजनगर का है, जहां 2 महिला पटवारी सड़क हादसे में घायल हो गई। जिन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया है। जहां उनका इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार, राजनगर तहसील के पास यह हादसा हुआ है। महिला पटवारी राजनगर जाते समय स्कूटी से गिर गईं। जिसमें पटवारी निधि तिवारी और मनीषा सिंह घायल हुई हैं।

संघ की मांग पर एक बार बढ़ चुकी है समय सीमा : राजस्व अभिलेखों में शुद्धिकरण पखवाड़ा पहले एक से पन्द्रह नवंबर तक चलाया जाना था, लेकिन वेवजीआईएस में तकनीकी खराबी के कारण समय सीमा बढ़ानी पड़ी थी। इसके लिए मध्यप्रदेश पटवारी संघ ने प्रमुख सचिव को समय सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था। साथ ही यह जानकारी दी थी सर्वर की प्राब्लम सॉफ्टवेयर की है लेकिन अधिकारियों द्वारा पटवारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे में पटवारी काम करने के बाद भी डांट मिलने से नाराज हैं। सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकी परेशानी को देखते हुए पखवाड़े को 30 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया था।

पटवारियों के साथ अफसर भी जाग रहे पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए पटवारी तो जुटे हुए हैं। साथ ही अफसर भी जाग कर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस दौरान रोजाना किये जा रहे कार्यों की पूरी जानकारी अफसरों को दी जाती है। परेशानी आने पर तत्काल अफसरों को पटवारी कॉल करके बताते हैं। राजधानी के एक एसडीएम का कहना है कि रोजाना ढाई से तीन बज रहे हैं। यह स्थिति दिन में साइट के नहीं चलने कारण बन रही है। कंपनी को इस पर कार्य करना चाहिए, जिससे राहत मिल सके।

◆ यह है स्थिति - एमपी भू-अभिलेख वेब जीआईएस सॉफ्टवेयर में लॉगिन से लेकर परिमार्जन की एक पूरी इंट्री करने में 15 मिनट का समय लग रहा है। यह भी उस समय समय जब साइट चलती है। नहीं तो एक एक घंटा के बाद भी निराशा ही हाथ लगती है। कारण अधिकांश समय साइट ही नहीं चलती है। बार-बार मॉनिटर में एरर शो होता है या लॉग आउट हो जाता है। अधिकांश समय ओटीपी नहीं आता है। साथ ही ऐसा कोई समय फिक्स नहीं है जब साइट बिना किसी रोक टोक के चले। इसके चलते अभिलेख शुद्धीकरण का कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहा है।

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